Advertisment

जानिये क्यों कुछ छोटे बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं

author-image
Swati Bundela
New Update
बच्चे के मुंह से पहला शब्द 'मां' सुनने पर जितनी खुशी एक मां को होती है उसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। तोतली जुबान में बच्चे की मीठी-मीठी बातें, माता-पिता के कानों में मानो मीठा रस घोलती  है।  लेकिन कभी-कभी कुछ बच्चे देर से बोलना शुरू करते  हैं या बहुत कम बोलते  हैं। ऐसे में कई पेरेंट्स परेशान भी हो जाते है क्योंकि उन्हें बच्चे के मेंटल डेवलपमेंट के बारे में सही जानकारी नही होती। आइये हम आपको बताते हैं बच्चों का देर से बोलने के कारण ।

Advertisment

इन कारणों से कुछ बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं (bacchon ka der se bolne ke karan) -



1. बोलने की सही उम्र

Advertisment


बाल रोग विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि लगभग छ: महीने का शिशु अपनी मां के होंठों के हाव-भाव देखकर किलकारियों से अपने रिएक्शन देता है। अगर कोई उसके सामने चुटकी या ताली बजाएं या उसका नाम पुकारे तो झटपट उधर देखने लग जाता हैं।आठ या नौ महीने की आयु से ही बच्चा चीजों को नाम से पहचानने लगता हैं। जैसे-बॉल कहने पर बॉल की ओर देखना, पापा कहने पर पापा की तऱफ पलटकर देखना आदि। हो सकता है  कि कोई बच्चा एक वर्ष की उम्र तक भी ऐसे रिएक्शन न दे पाए लेकिन इसमे घबरानें वाली कोई बात नही है।

2. भाषा संबंधी विकास

Advertisment


सभी बच्चों के भाषा संबंधी विकास की गति एक समान न होने के कारण कुछ बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं या बहुत कम बोलते  हैं।ऐसे में चिंता करने के बजाय यदि धैर्य तथा सूझबूझ से काम लेते हुए स्पीच थेरेपिस्ट से सलाह ले कर उसके देर से बोलने के कारणों के बारे में पता लगाया जा सकता है और इस समस्या को सुलझाया जा सकता  हैं।

3. देर से बोलने की वजह

Advertisment


जो बच्चे जन्म के बाद देर से रोना शुरू करते हैं, वे बोलना भी देर से शुरू करते  हैं |मतलब जो बच्चा जन्म के समय खुलकर न रोएं या उसे रुलाने के लिए कोई कोशिश करना पड़े तो ऐसे बच्चे अक्सर देर से बोलना सीखते  हैं। इसके प्रेगनेंसी के समय मां के जॉन्डिस से ग्रस्त होने अथवा नॉर्मल डिलीवरी के समय बच्चे के मस्तिष्क की बांई ओर चोट लग जाने की वजह से भी बच्चे की सुनने की शक्ति कम हो जाती है। सुनने तथा बोलने का गहरा संबंध  है। जो बच्चा ठीक से सुन नहीं पाता वह बोलना भी शुरू नहीं कर पाता।  ये बच्चों का देर से बोलने के कारण में से एक बड़ा कारण है।

4. बच्चे के मस्तिष्क की बनावट

Advertisment


मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि लगभग आठ महीने के शिशु के मस्तिष्क में एक हजार ट्रिलियंस ब्रेन सेल कनेक्शंस बन जाते  हैं। यदि सुनने तथा बोलने की प्रेक्टिस के माध्यम से इन्हे सक्रिय न रखा जाए तो इनमें से बहुत से सेल हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।

5. बच्चा जितना सुनता है उतना बोलता है

Advertisment


आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लगभग छ: महीने का बच्चा 17 प्रकार की अलग-अलग आवाज़ो को पहचानने की क्षमता रखता है और यही आवाज़ आगे चलकर विभिन्न भाषाओं का आधार बनती हैं। यही वजह है कि जो माएं अपने शिशुओं से ज्यादा बातें करती  हैं। या उन्हे लोरी सुनाती हैं उनके बच्चे जल्दी बोलना सीख जाते  हैं।



ये हैं बच्चों का देर से बोलने के कारण । अगर आपका बच्चा देर से बोलना शुरू करता है तो घबराइए मत लेकिव डॉक्टर से ज़रूर मिलिए।
Advertisment




और पढ़िए :बच्चों की देखरेख में पिता को शामिल करना चाहती हैं ? अपनाइये ये 6 टिप्स
पेरेंटिंग बच्चों का देर से बोलने के कारण
Advertisment