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माता-पिता होना एक बहुत ही प्यारा एहसास होता हैं और इस एहसास के साथ-साथ यह एक जिम्मेदारी भी साथ लेकर आता है। यही जिम्मेदारी हमें विनम्र और सहनशील भी बनाता है| पर कई बार ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है कि हम ना चाहते हुए भी इन सब बातों को भूल जाते हैं और बच्चों के लिए हमारा रवैया काफी रूढ़ हो जाता हैं| जिस कारण हम बच्चों को सजा देने पर उतारू हो जाते हैं| कई बार जब बच्चा ज्यादा जिद्द पकड़ लेते हैं या बात नहीं सुनते हैं तो माता-पिता उन्हें सजा देते हैं। लेकिन हमें एक बार यह जरुर सोचना चाहिए कि क्या सजा देना ही एकमात्र तरीका है बच्चों को सुधारने का? आइए जानते हैं बच्चों को सजा देने के नुकसान ।
बार-बार सजा देने से बच्चें के अंदर आपके लिए बुरी भावना आ सकती है और हो सकता है कि वह आपसे नफरत करने लगे।
बार-बार उसे डांटने, मारने-पीटने पर बच्चा खुद को इसके लिए दिमागी रूप से तैयार कर लेता हैं |और फिर जरूरी नहीं कि वह आपकी हर बात मानें।
बच्चे को सजा देना उसके बर्ताव को बागी बनाने के साथ हिम्मती भी बना देता हैं| वह आपको पलट कर जबाब दे सकता हैं|
बच्चा छोटी-छोटी बातों पर चिढ़चिढ़ाने लगता है और अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हैं|
कुछ बच्चों का दिमाग कोमल होता है। ऐसे बच्चों को बार-बार डांटने या मारने-पीटने से उनके दिमाग पर बड़ा असर पड़ता हैं |और बच्चे डर या फोबिया के शिकार हो जाते हैं। यह डर या फोबिया उनके मन में घर कर लेता हैं ,जो उनके दिमागी विकास को रोक सकता हैं|
बच्चे को दूसरे भाई-बहन के सामने या उसके दोस्तों के सामने सजा देना उसके अंदर हीन भावना पैदा कर देता हैं| जिससे वह इंट्रोवर्टेड और कमजोर होने लगता हैं| और घर के बाहर दोस्तो-यारों के साथ या दूसरों लोगों के साथ होने पर बेचैन महसूस करता हैं|
जरूरी नहीं की बच्चे को हर गलती या उसकी छोटी से छोटी गलती के लिए सजा दी जाए इसलिए सजा देने से पहले विचार करें कि क्या यह वाकई जरूरी हैं और ऐसा करने से क्या आपके नुकसान की भरपाई हो सकती हैं| आपने जाना बच्चों को सजा देने के नुकसान , बच्चों को इन सब से बचाने के लिए उन्हें बात-बात पर सजा देने का अपना रवैया बदल लें।
और पढ़िए :बच्चों की देखरेख में पिता को शामिल करना चाहती हैं ? अपनाइये ये 6 टिप्स
जानिए बच्चों को सजा देने के नुकसान (bachhon ko sazaa dene ke nuksaan )-
1.बच्चे में बुरी भावना को जन्म देता है
बार-बार सजा देने से बच्चें के अंदर आपके लिए बुरी भावना आ सकती है और हो सकता है कि वह आपसे नफरत करने लगे।
2.बच्चा ढीठ हो जाता है
बार-बार उसे डांटने, मारने-पीटने पर बच्चा खुद को इसके लिए दिमागी रूप से तैयार कर लेता हैं |और फिर जरूरी नहीं कि वह आपकी हर बात मानें।
3.बच्चा बागी हो सकता है
बच्चे को सजा देना उसके बर्ताव को बागी बनाने के साथ हिम्मती भी बना देता हैं| वह आपको पलट कर जबाब दे सकता हैं|
4.बच्चे को चिढ़चिढ़ा और जिद्दी बना देता है
बच्चा छोटी-छोटी बातों पर चिढ़चिढ़ाने लगता है और अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हैं|
5. बच्चे में डर या फोबिया पैदा करता है
कुछ बच्चों का दिमाग कोमल होता है। ऐसे बच्चों को बार-बार डांटने या मारने-पीटने से उनके दिमाग पर बड़ा असर पड़ता हैं |और बच्चे डर या फोबिया के शिकार हो जाते हैं। यह डर या फोबिया उनके मन में घर कर लेता हैं ,जो उनके दिमागी विकास को रोक सकता हैं|
6. बच्चे में हीन भावना पैदा करता है
बच्चे को दूसरे भाई-बहन के सामने या उसके दोस्तों के सामने सजा देना उसके अंदर हीन भावना पैदा कर देता हैं| जिससे वह इंट्रोवर्टेड और कमजोर होने लगता हैं| और घर के बाहर दोस्तो-यारों के साथ या दूसरों लोगों के साथ होने पर बेचैन महसूस करता हैं|
क्या सजा देना ही एक मात्र रास्ता हैं ?
जरूरी नहीं की बच्चे को हर गलती या उसकी छोटी से छोटी गलती के लिए सजा दी जाए इसलिए सजा देने से पहले विचार करें कि क्या यह वाकई जरूरी हैं और ऐसा करने से क्या आपके नुकसान की भरपाई हो सकती हैं| आपने जाना बच्चों को सजा देने के नुकसान , बच्चों को इन सब से बचाने के लिए उन्हें बात-बात पर सजा देने का अपना रवैया बदल लें।
और पढ़िए :बच्चों की देखरेख में पिता को शामिल करना चाहती हैं ? अपनाइये ये 6 टिप्स