Bail Pola 2021 : भारत देश में कई त्योहार है और हर त्यौहार का कुछ ना कुछ महत्व होता है। उनमें से एक त्योहार है बैल पोला, ये त्यौहार बैलों को समर्पित किया गया हैं। हम जानते है कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। इस देश में खेती करने वाले लोग ज्यादा है। महाराष्ट्र में इस त्योहार को हर साल मनाया जाता है ताकि वो बैलों को खेत में मदद करने के लिए शुक्रिया कर सके। जानिए इस महाराष्ट्र में मनाए जाने वाले त्योहार के बारे में कुछ जरूरी बातें।
ऐसे मनाया जाता है बैल पोला का त्यौहार (Bail Pola 2021)
पोला के त्यौहार को हर साल भादो माह के अमावस्या के दिन मनाया जाता है जो की सितंबर महीने में आता है। इस त्यौहार को बड़े जश्न से मनाया जाता है। पोला का त्योहार खास तौर पर महाराष्ट्र के विदर्भ भाग में मनाया जाता है। इस त्यौहार को दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन को बड़ा पोला कहते है और दूसरे दिन को छोटा पोला कहते है।
पोला के पहले दिन बैलों को सजाया जाता है, उन्हे जो रस्सी बांधकर रखी जाती है वो इस दिन निकाल दी जाती है। इसके साथ उनके गले पर बांधी हुई रस्सी भी निकाल दी जाती है। इस दिन बैलों को अच्छे से धोया जाता है और उनको अच्छे से साफ किया जाता है। फिर बैलों को बाजरे की खिचड़ी खिलाई जाती है। बैलों को फिर अलग अलग रंगों का इस्तेमाल करके सजाया जाता है, उनके सिंग को भी रंग दिया जाता है। इसके अलावा उनको फूलो से सजाया जाता है।
उसके बाद शाम को सब लोग अपने बैलों को बाहर निकालते है और एक जगह शामिल करते है। फिर उसके बाद बैलों को छोड़ दिया जाता है। शाम को बैलों को घर लाकर उनकी पूजा की जाती है और अच्छी फसल और सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।
छोटा पोला बच्चो की खुशी और उनकी सेहत के लिए मनाया जाता है, इस दिन बच्चे छोटे लकड़ी के बैल को सजाते है और उनकी पूजा की जाती है। फिर बच्चे घर घर में नंदी बैलों को लेकर जाते है और उन्हें फिर पैसे दिए जाते है। इस त्योहार को बच्चो की सेहत अच्छी रहे और वो बीमारियों से दूर रहे इसके लिए मनाया जाता है।
बैल पोला महाराष्ट्र के साथ छत्तीसगढ़ में भी मनाया जाता जाता है। इस दिन हर किसान बैलों की खेत में मदद और जो बैल हल चलाने में मदद करते है उसके लिए शुक्रिया करते है। बैल पोला ये पूरी तरह पारंपरिक त्योहार है और इस त्योहार के बारे में सबको जरूर पता होना चाहिए।