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क्या आपके बच्चे का यौन शोषण हुआ है ? बाल यौन शोषण के लक्षण क्या हैं ?

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Swati Bundela
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बच्चें हंसते-खिलखिलाते कितने अच्छे लगता है ना..लेकिन हमारे इस समाज में कुछ ऐसे दरिंदें भी है जिन्हें बच्चों की वो प्यारी मुस्कान छीनते हुए तनिक भी दया नही आती। महिला और बाल विकास मंत्रालय के ऑफिशियल वेबसाइट से गुज़रते हुए मुझे उनके तरफ से 2018 में किये गये एक रिसर्च की रिपोर्ट मिली जिससे ये पता चलता है कि भारत में बारह साल और उससे कम उम्र के 53 प्रतिशत बच्चे यौन-शोषण का शिकार बन चुके हैं। हर दिन बच्चों के यौन-शोषण की घटनाओं और लगातार अपराधों के बढ़ते ग्राफ के बावजूद भी हमारा समाज जाने-अनजाने में कई भूल कर रहा है जिसके चलते हमारे बच्चे स्कूल, गलियों और अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं.

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लेकिन, ऐसे कौन से कारण हैं जो बच्चों के यौन-शोषण को बढ़ावा देते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि इसे बढ़ावा देने में आपका खुद का बड़ा हाथ है क्योंकि यहां शोषण करने वाले से ज्यादा गलती उनकी होती है जो अपने बच्चों को इस तरह की हरकतों को समझने और सामना करने की सीख नही देते हैं। और इसे आप इस तरह से भी बढ़ावा देते हैं, जैसे- शर्म, जागरूकता की कमी, बिना सवाल करें बड़ो की बात का पालन करना, सेक्स से जुड़े सवालों पर चुप्पी साधना और भी कई तरह के। ये सब बातें मिलकर शोषण करने वाले व्यक्ति को आरोप से बचने की सुरक्षा दिलवाते हैं।



हमें ज़रूरत है कि हम अपने घर, समाज़, खानदान की इज़्ज़त का ख्याल छोड़ अपने बच्चों के हेल्थ और उनके अधिकार के बारे में सोचें, उनकी समस्याएं दूर करने के बारें में सोचेंं। आखिर वो हमारा भविष्य है।
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अगर आपको बच्चों की बात समझने में या उनके हाव-भाव में कुछ बदलाव लगता है और आप समझ नही पा रही कि ये आखिर क्यों हैं तो हो सकता है कि आपके बच्चे को कोई बड़ी परेशानी हो। हम आपको कुछ ऐसे साईन्स के बारे में बताते हैं जो आपको ये समझने में मदद करेंगे कि आपका बच्चा यौन-शोषण का शिकार है या नही, जैसे-

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बाल यौन शोषण के लक्षण



-बुरे सपने देखना और नींद की प्रॉब्लम

-अंगूठा चूसना और बिस्तर गीला करने की पुरानी आदतों की तरफ वापिस लौटना
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-नहानें के कपड़े खोलना और चेंज करने से मना करना

-अंडरवियर का गन्दा होना या ब्लिडिंग होना। ये टॉयलेट ट्रेनिंग से संबन्धित नहीं है

-यूरिनेशन या मॉशन करते समय दर्द होना
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-कभी एकदम गुमसुम खोएं रहना या बिल्कुल उदास होना

-अपनी बातें छिपाना, झूठ बोलना या किसी बड़े से अपनी बातें सिक्रेट रखना

-पर्सनेलिटी में काफी चेंज आना, जैसे गुस्सा करना, परेशान रहना, इनसिक्योर महसूस करना
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-गैरजिम्मेदार हो जाना या उनमें किसी जगह या किसी व्यक्ति और समय को लेकर डर जाना। किसी व्यक्ति के साथ जो चाहें आपका कितना भी करीबी क्यों ना हो, उसके साथ अकेले रहनें से इंकार करना

-खाना खाने के हेबिट में चेंज आना या खाना चबानें या निगलनें में परेशानी होना

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ये थे बाल यौन शोषण के लक्षण

अगर ये साईन्स आपको अपने बच्चे में दिख रहें है तो घबराईये नही, इन बातों को अपनाइये, जैसे-



-बच्चे की हर बात ध्यान से सुनें और उसकी हर बात पर गौर करें

- उनकी बातों पर भरोसा करें। उनको ऐसा माहौल दें जिसमें वो खुलकर अपनी बात रख सकें

-उन्हें भरोसा दिलाये कि वे स्ट्रॉग हैं और जो उनके साथ हुआ है उसमें उनकी कोई गलती नहीं थी।

-बच्चे के आसपास रहने बाले बड़ों को इसके बारे में इम्फोर्म करें

-1098 – चाइल्ड लाइन पर फ़ोन करके उन्हें भी बताएं

-बच्चे का मेडिकल एग्जामिनेशन जल्द से जल्द करवाएं

-पास के पुलिस स्टेशन पर बाल यौन-शोषण की रिपोर्ट दर्ज करवाएं

-बच्चे के सामने उस घटना की ज्यादा चर्चा न करें। इससे बच्चे मेंटली डिस्टर्ब्ड हो सकते हैं।

पढ़िए : बच्चों में मोटापा कम करने के 7 तरीके

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