Fasting During Ramadan: 2 अप्रैल से रमदान का महीना शुरू हो रहा है जिसे रमजान भी कहते है। इसमें मुस्लिम समुदाय रोज़ा रखते है जो एक तरह की इंटरमिटेंट फास्टिंग भी है। सुबह सूरज उगने से पहले खाना और सूरज डूबने के बाद खाना, यह इस्लाम के 5 पिल्लर्स में से एक है। यह महीना सिर्फ रोज़ा रखने का नहीं बल्कि खुद को इम्प्रूव करना, खुदा की बंदगी करना भी है। डाइट में मेजर शिफ्ट तन-मन दोनों को डेटोक्सीफी करता है। आईए 10 से बारे घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ फायदे जानते है-
1. बर्न फैट
रमदान में आपका मेजर मेटाबोलिक शिफ्ट होता है नार्मल ईटिंग रूटीन एक महीने के लिए बदल कर दो मील तक रेस्ट्रिक्टएड हो जाती है, जो फैट लॉस का कारण बनता है। फैट लॉस होने के साथ फैट मैनेजमेंट इम्प्रूव भी होती है। इसी के साथ कैलोरी डाइट रेस्ट्रीक्टेड हो जाती है जिसकी वजह से बॉडी को फैट नहीं मिलता और वजन भी नहीं बढ़ता है।
2. रिमूव टोक्सिन
इंटरमिटेंट फास्टिंग से बॉडी में जमा फैट यूज़ होने लगता है जो फैट लॉस का कारण बनता है पर यह डेटोक्सिफिकेशन का काम भी करता है। लम्बे समय तक डाइट करने के कारण बॉडी नैचुरली डेटोक्सिफ्यिंग होने लगती है और बॉडी में जमे फैट में छिपे टोक्सिन भी बॉडी से रिमूव होने लगते है।
3. इनक्रीस सेल
इंटरमिटेंट फास्टिंग से रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल, प्लेटलेट काउंट की मात्रा बढ़ने लगती है। इसी के साथ लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल, रक्त कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और दूसरी तरफ लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है।
4. क्रोनिक बीमारियों से बचाव
सुबह 10 से 12 घंटे फ़ास्ट हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारिया, हाई ब्लड शुगर लेवल, ओबेसिटी को कम कर क्रोनिक बीमारियों से बचाव करने में मदद करता है। इसी के साथ मेंटल हेल्थ और वेल बीइंग इम्प्रूव होती है जो हैप्पी होर्मोनेस रिलीज़ करता है।
5. इम्प्रूव सेल्फ क्लीनिंग प्रोसेस
इंटरमिटेंट फ़ास्ट से मेटाबोलिक रेट इनक्रीस होने लगता है और पेट को साफ करने की क्षमता भी बढ़ती है। ऑटोफैगी नामक सेल्फ क्लीयरिंग प्रोसेस जागृत होता है और तेजी से काम करता है जो इम्यून सिस्टम भी स्ट्रांग होता है।