Advertisment

बेटे को समझाओ और बेहतरीन आदमी बनो - पंकज त्रिपाठी

author-image
Swati Bundela
New Update

पंकज त्रिपाठी इंटरव्यू में कहते हैं कि बेटी बचाओ से ज्यादा जरुरी है बेटे को समझाओ और बेहतरीन आदमी बनाओ

Advertisment


पंकज त्रिपाठी का ऑन- स्क्रीन नरोत्तम मिश्रा का रोल बरैली की बर्फी में उनकी एक ख़ास पहचानी गयीं भूमिकाओं मेसे एक है। इस में उन्होंने भारत के एक मीठे और सरल स्वाभाव के पिता की भूमिका निभाई है। इस फिल्म में पता और बेटी का एक अच्छा रिश्ता दिखाया है। पंकज त्रिपाठी ने हमेशा से ही एक प्रगतिशील पिता की भूमिका निभाई है।

Advertisment


वो हमेशा से ही अपने किरदारों के ज़रिये ऐसा दर्शाते आएं हैं कि हर लड़की अपना भविष्य खुद चुन सकती है। इस बरैली की बर्फी फिल्म में लड़की का पिता नरोत्तम मिश्रा जानता था की उसकी बेटी सिग्रेटे पीती है पर उसका मन्ना था की हर एक लड़की को उस के हिसाब से अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार होता है।

अभी हाल फ़िलहाल में ही पंकज त्रिपाठी एक बार फिर गुंजन सक्सेना फिल्म में पिता की भूमिका निभाई थी।

Advertisment


इस फिल्म में वो अपनी बेटी के पंख बने और उसे हमेशा उड़ना सीखते रहे। पंकज त्रिपाठी और उनकी बेटी मृदुला त्रिपाठी से हमने पूंछा की उनकी लाइफ ऑन स्क्रीन बरैली की बर्फी पिता बेटी से कितने मिलता झुलता है ? तब उन्होंने कहा कि उनका रिश्ता भी फिल्म के किरदारों की तरह ही हैं। त्रिपाठी ने कहा कि हां में अपनी बेटी को सिग्रेटे के लिए मना करूंगा क्योंकि वो सेहत के लिए नुकसान दायक होती है। वहीँ उनकी बेटी मृदुला ने कहा कि "हर एक लड़की को ऐसे ही पिता मिलना चाहिए "।

पिता-पुत्री में दो तरफ़ा रिलेशनशिप



पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि एक एक्टर के तौर हमें रियल लाइफ से सीख कर चीज़ें ऑन-स्क्रीन दिखानी होती है। उनका कहना है कि बरैली कि बर्फी और गुंजन सक्सेना फिल्म के बाद कई लड़कियों ने मुझसे कहा कि ऐसा पिता सबको मिलना चाहिए और उन्होंने ये फिल्में अपने पिता के साथ देखी या उन्हें बाद में देखने को बोला है। पंकज त्रिपाठी और मृदुला हर चीज़ के बारें में बात करते हैं और उसे एक दूसरे के साथ सांझा करते हैं। उनके बीच में किसी भी तरीके कि झिझक नहीं हैं।
एंटरटेनमेंट
Advertisment