Bollywood Sexist Dialogues: बॉलीवुड के 5 सेक्सिस्ट डायलाग जिन से लोगों की गलत सोच को और बढ़ावा मिलता है

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Swati Bundela
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Bollywood Sexist Dialogues: हिंदी बॉलीवुड फिल्मों के हम सभी दीवाने हैं। लॉकडाउन में हमने देखा जब कोरोना नहीं था तब हम ऑनलाइन OTT पर या फिर टीवी पर फिल्मों का आने का इंतज़ार किया करते थे। इन फिल्मों का हमारे दिमाग पर एक गहरा असर होता है इसलिए इस पर ध्यान देना जरुरी होता है कि हम क्या देख रहे हैं। इसलिए आज हम ऐसे 5 डायलाग के बारे में बात करेंगे जो कि बहुत सेक्सिस्ट थे -

1. एक अकेली लड़की खुली तिजोरी की तरह होती है

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यह डायलाग करीना कपूर की फेमस फिल्म जब वी मेट से है। इस फिल्म में करीना कपूर लीड रोल में होती हैं और जब यह कहीं बाहर होती हैं तब इनको ऐसा बोलै जाता है कि एक अकेली लड़की खुली तिजोरी की तरह होती है। हमेशा से ही एक लड़की को यह अहसास दिलाया जाता है कि आप अकेले सुरक्षित नहीं हो सकते हो।

2. बूढ़ी हो या जवान मेलोड्रामा हर एक लड़की के खून में होता है

यह आलिया भट्ट की फिल्म 2 स्टेट्स से है। जब कोई लड़की अपनी बात को या राय को रखने की कोशिश करती है उसे मेलोड्रामा का नाम दे दिया जाता है। न ही उसकी बात को सुनने हो समझने की कोशिश की जाती है और न ही अहमियत दी जाती है। फिल्म में ऐसे डायलाग के होने से लोगों की गलत सोच को और बढ़ावा मिलता है।

3. प्रीती चुन्नी ठीक करो

यह डायलाग शाहिद कपूर और कियारा अडवाणी की फेमस फिल्म कबीर सिंह से है " प्रीती चुन्नी ठीक करो।" इस में कबीर गुस्से में प्रीती को कहते हैं चुन्नी ठीक करो जब उसने सूट पहना होता है। लड़कियों के कपड़ों को लेकर उन्हें हमेशा टारगेट किया गाया है चाहे फिर वो सूट की चुन्नी हो या फिर साड़ी का ब्लाउज हो।

4. एक हाँथ में लड़की और एक हाँथ में ट्रॉफी

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यह डायलाग आलिया भट्ट की फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर से है। इस में एक लड़की को ट्रॉफी से कम्पयेर कर दिया जाता है। एक लड़की को इस तरह से दिखाया जाता है जैसे कि वो कोई हासिल करने की चीज़ हो और उसे लड़को को बस जीतना होता है।

5. प्यार से दे रहे हैं लेलो वरना थप्पड़ मरकर भी दे सकते हैं

यह डायलाग सलमान खान की फिल्म दबंग से है। हमारी सोसाइटी में लोगों को लगता है कि महिलाओं के ऊपर हाँथ उठाना आम बात है क्योंकि हमेशा से फिल्मों में इसे इस तरीके से दर्शाया गाया है।


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