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हम लड़को को बेसिक काम करने के लिए हीरो बनाना कब बंद करेंगे?

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Swati Bundela
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हमारे देश में हर दिन, हर 16 मिनट में एक रेप की घटना घटती है। ऐसे में भी हम लड़कियां लड़को को बेसिक काम करने पर हीरो बना देती हैं। हम उन लोगों को शुक्रिया करते हैं जो लड़के और लड़कियों में भेदभाव नही करतें। लेकिन क्यों? हमारे पास समानता का अधिकार (Right to Equality) हैं। भेदभाव न करके कोई हम पर एहसान नही कर रहा है।

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अक्सर देखा गया है कि लड़कियां Cab Drivers को उन्हें सही-सलामत और सुरक्षित घर पहुंचाने पर भी धन्यवाद करती हैं। भई, हमारे पास Right to Safety भी हैं। और क्या यह ड्राइवर की जिम्मेदारी नही हैं कि वह हमें सही-सलामत घर पहुंचाएं?

इसके अलावा और भी कई बातें हैं जब लड़कियां लड़कों को सराहती हैं जिसका कोई मतलब नही होता, जैसे-

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-पब्लिक प्लेस या ट्रांसपोर्ट में ढंग से पेश आने पर

-लड़कियों से या रिलेशनशिप से दूर भागने पर

-उन्हें हमारे करियर चॉइस को सपोर्ट करने पर
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-बर्तन धोने पर

-हमारी, हमारे विचारों की और हमारे कन्सेंट की रिस्पेक्ट करने पर

-हमें धोखा ना देने पर
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और यह लिस्ट इन्हीं तरह की बातें से भरी हुई है।

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लेकिन हम ऐसा करते क्यों हैं? इन कारणों की वज़ह से



-लैंगिक परवरिश (Gendered Upbringing)

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लड़कियों पर जेंडर रोल्स बचपन से ही थोप दिया जाता है। हमें चुप रहना, एडजस्ट करना सिखाया जाता है। हमें सिखाया जाता है कि हमारी खुशी दुसरे लोगों की खुशी में है, तो अगर वो खुश हैं तो तुम भी खुश रहोगी।



-हम अपने आत्म-सम्मान को भी कम आंकते हैं।
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अगर आप भी उन्हीं लड़कियों में से है जो लड़कों को बेसिक बातों पर Good Boy का ताज पहना देती हैं तो कोई बात नही आप अकेली नही हैं। हमें अपने आस-पास के मर्दों से काफी कम एक्सपेक्टेशन रहती हैं इसलिए उनकी छोटी-छोटी बातों पर भी हम उन्हें सराहना शुरू कर देते हैं। लेकिन, बस यार अब यह खत्म करों और उन्हें बताओ की वो जो कर रहें हैं वो वही हैं जो उन्हें करना चाहिए।



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#फेमिनिज्म सोसाइटी gender equality women empowerment लड़को को बेसिक कामों
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