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Cancer Patients: सर्दी का मौसम कैंसर के मरीजों के लिए क्यों कठिन है

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Swati Bundela
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Cancer Patients: सर्दी का मौसम कैंसर मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसकी वजह इस मौसम में मॉइस्चर अधिक होता है, और कैंसर के मरीजों में कीमोथैरेपी या दूसरी दवाइयों के कारण इम्युनिटी घट जाती है। जिससे उनमें इन्फेक्शन का खतरा अधिक हो जाता है। सावधानी बरतने की जरूरत अधिक रहती है। सामान्य लोगों की तुलना में कैंसर मरीजों के शरीर को अधिक गर्म रखने की जरूरत रहती है। इसके लिए ऊनी कपड़े पहनें। सिर, हाथ, पैरों को ढककर रखें। ठंडी हवाओं से खुद का बचाव करें। ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कुल्फी आदि से बचे।

Cancer Patients: क्यों ठंड का मौसम होता है, खतरनाक?

वहीं कैंसर से जुड़े एक्सपर्ट की मानें तो इस मौसम में प्यास कम लगती है, पीने की जरुरत भी कम पड़ती है। कीमोथैरेपी के कारण मुंह में छालों की प्रॉब्लम अधि‍क होती है। जिससे पानी या अन्य पीने वाली चीज़ो को पीने में भी तकलीफ होती है। ऐसे में कीमोथैरेपी अपनाने वाले कैंसर के मरीजों के लिए इस मौसम में थोड़ी राहत जरूर होती है। वहीं यह मौसम कैंसर रोगियों के लिए खतरनाक भी हो सकता है, क्योंकि इस मौसम में नमी के कारण इन्फेक्शन का खतरा अधि‍क होता है।

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चूंकि कैंसर रोगियों की रोग से लड़ने की केपिसिटी धीरे धीरे कम होने लगती है। उन्हें इन्फेक्शन से खुद को ज्यादा बचाना होगा, सर्दी और फ्लू से बचने की भी बहुत जरूरत होती है।

कमरे में टेम्परेचर को नार्मल बनाए रखना चाहिए। कैंसर रोगियों को नार्मल लोगों के कपड़े बॉडी को ज्यादा गर्म रखने की जरूरत होती है। इसका ध्यान रखते हुए, उन्हें अपनी बॉडी को गर्म कपड़ों से ढककर रखना चाहिए, और हाथ, पैर, सिर और कानों को ठंडी हवाओं से उन्हें बचाना ज्यादा अच्छा होता है।

हाइपोथर्मिया के लिए बहुत सेंसिटिव

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सर्दी के मौसम में हाइपोथर्मिया से कैंसर के मरीज आसानी से एफेक्ट हो जाते हैं। हाइपोथर्मिया का मतलब होता है, जहां बॉडी का टेम्परेचर कम हो जाता है, और तेजी से गर्मी कम होने लगती है, जिससे बॉडी से हीट रिलीज़ होती है। थकान, और एनीमिया सहित कैंसर के ट्रीटमेंट के डिसफेक्ट के कारण यह प्रॉब्लम टेंशन का एक प्रमुख कारण बन जाती है।

खानपान का हमेशा ध्यान रखें

खाने में टमाटर, ब्रोकली, पत्तागोभी, लहसुन, अदरक, अंगूर, हल्दी, अलसी, नींबू, मौसमी व दालें लें व् ऐसी चीज़े ले जो हेल्थी हो और आपको उसका टास्ते भी अच्छा लगे।

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डेली वॉक जरूरी

फिजिकली से एक्टिव व वेट कंट्रोल रखकर ब्रैस्ट, प्रोस्टेट, कोलोन कैंसर से बचा जा सकता है। लंबे समय तक नार्मल से ज्यादा वेट, इर्रेगुलर डेली रूटीन से खतरा बढ़ता है। रोजाना करीब एक घंटे मिनट का वर्क आउट जरूरी है। इसमें वॉक, ब्रिस्क वॉक, साइक्लिंग, स्वीमिंग व योग को डेली रूटीन में शामिल करें।


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