Covid-19 Nasal Spray Vaccine: कोविड-19 से बचने के लिए वैक्सीनेशन का प्रोसेस भारत में काफी जोरों-शोरों से चल रहा है। इस बीच भारत बायोटेक की तरफ से एक खुशखबरी ने सभी के दिलों में हौंसला जगा दिया है। दरअसल, कई दिनों से भारत बायोटेक अपनी नई नेज़ल वैक्सीन का प्रशिक्षण कर रहा था। अब इंसानों के ऊपर उसका क्लिनिकल ट्रायल होना शुरू हो चूका है। कंपनी को दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए नियामक की मंजूरी पिछले महीने अगस्त में ही मिल गई थी। बता दें कि ये वैक्सीन नाक के ज़रिए दी जाती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये आने वाले दिनों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काफ़ी ज्यादा कारगर साबित होगी।
Covid-19 Nasal Spray Vaccine: एम्स में होंगे क्लीनिकल ट्रायल्स
समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि अगले एक-दो हफ्ते के अंदर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो जाएगा। फिलहाल इस वैक्सीन को एम्स के एथिक्स डिपार्टमेंट की मंजूरी नहीं मिली है। बता दें कि वालंटियर्स को नाक के जरिये ये वैक्सीन दी जाएगी। इस वैक्सीन के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, नेज़ल डोज़ को 4 हफ़्तों में 2 बार दिया जायेगा और वालंटियर्स पर इसका असर चेक किया जायेगा।
Covid-19 Nasal Spray Vaccine: पिछले नतीजे क्या रहे
ये बता दें कि इस बार एम्स में हो रहे नेज़ल वैक्सीन के ट्रायल का ये तीसरा चरण होने वाला है। इसका मतलब नेज़ल वैक्सीन का पहला फेज और दूसरा फेज सक्सेस्फुली पूरा किया जा चूका है। कंपनी ने दावा किया कि पहले फेज के क्लिनिकल ट्रायल में स्वस्थ वॉलिंटियर्स को दी गई वक्सीने की डोज़ को ह्यूमन बॉडी ने अच्छी तरह स्वीकार किया है। साथ ही किसी तरह के कोई साइड-इफ़ेक्ट कि कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है। क्लिनिकल पूर्व अध्ययनों में भी टीका सुरक्षित पाया गया था। जानवरों पर हुए अध्ययन में टीका एंटीबॉडी का उच्च स्तर बनाने में सफल रहा।
क्या ये वैक्सीन वायरस के खिलाफ करेगा सुरक्षा कवच का काम?
भारत बायोटेक ने बताया कि वैक्सीन की ये टेक्नोलॉजी उन्हें सेंट लुईस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मिली थी। कंपनी के एक्सपर्ट्स का मानना है कि नाक से होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाना बेहद जरूरी है। जिसके लिए उन्होंने इस वैक्सीन का इज़ाद किया। बता दें कि वैज्ञानिकों के मुताबिक ये नेज़ल वैक्सीन नाक में म्यूकस मैंबरेन को प्रोटेक्ट करती है।उन्होंने पोलियो कि खुराक का उदहारण देकर बताया कि जैसे पोलियो कि ड्राप पुरे पेट में एक सुरक्षा कवच कि तरह काम करती है ठीक उसी तरह ये नेज़ल ड्राप भी कोरोना के खिलाफ एक कवच का काम करेगी।