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कोडिंग (coding) क्या होती है ?
कोडिंग, कंप्यूटर की अपनी भाषा है। जिसके ज़रिए वो चीजों को समझता और काम करता है । अगर हम कोडिंग करना सीखते हैं, तो हम कंप्यूटर को काम करने को कह सकते है, और वो आसानी से हमारी बात को समझ जाएगा।
बच्चों को coding सिखाने के 5 फाइदे
1. दिमाग की होती है एक्सर्साइज़ (exercise)
कोडिंग (coding) करना, दिमाग के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। इससे बच्चे चीजों को हर तरफ़ से, सोचने के लिए मजबूर होते है और दिमाग की अच्छी-खासी एक्सर्साइज़ हो जाती है।
2. क्रीऐटिविटी (creativity) को मिलता है बढ़ावा ।
कोडिंग के दौरान बच्चों को लगातार हल (solution) ढूँढने होते हैं और जिसके लिए उन्हें आउट-ऑफ-बॉक्स (out-of-box) सोचना होता है। इससे उनकी क्रीऐटिविटी और भी ज़्यादा बढ़ जाती है।
ज़्यादातर बच्चे पहले से ही , बेहद क्रिऐटिव (creative) होते है और किसी भी चीज़ को बेहद अलग ढंग से करना पसंद करते है। ऐसे बच्चों को कोडिंग (coding) जरूर सिखाना चाहिए, ताकि उनकी क्रीऐटिविटी (creativity) और ज्यादा बढ़ सके।
3. चैलेंजेस (challenges) से डर नहीं लगता ।
कोडिंग करने के दौरान बच्चों को तमाम चैलेंजेस से रूबरू होना पड़ता है। और बच्चे खेल-खेल में ही इन चैलेंजस् को समझ, इनसे पार हो जाते है। साथ ही, फिर भविष्य में आने वाले चैलेंजेस से बच्चे कभी डरते नहीं, बल्कि बड़ी हिम्मत से उनका सामना करते हैं।
4. प्रॉब्लेम सॉल्व (problem solve) करने की क्षमता बढ़ती है ।
कोडिंग में लगातार हल (solution) ढूँढने के कारण , बच्चे की प्रॉब्लेम सॉल्व (problem solve) करने की क्षमता बढ़ती है। और साथ ही बच्चे को धैर्य (patience) की समझ भी आती है।
5. भविष्य के लिए है लाभकारी ।
कंप्यूटर आज की ज़िंदगी का एक बेहद जरूरी अंग बन गया है। और इसी कारण भविष्य के लिए कोडिंग बेहद जरूरी चीज़ होगी। बच्चों को आज ही, कोडिंग सिखाने से उनका कल बेहद आसान बन जाएगा और उनमें आत्मविश्वास (confidence) की कमी नहीं आएगी।
ये थे कुछ coding sikhne ke fayde
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