Cooking Food In Aluminium Bartan: खाना स्वादिष्ट हो तो सब यहीं समझते है कि यह पोषण से भरपूर है पर ऐसा नहीं है। खाने को पोषणदायक बनाने में बर्तन एक अहम हिस्सा निभाते है। आप किसी भी धातु के बर्तन का इस्तेमाल कर रहे है जैसे कि स्टील, एल्युमीनियम, आयरन आदि वह खाने में अपने अंश छोड़ देते है। पुराने समय से खाना पीतल, लोहे के बर्तनो में बन रहा है पर आज एल्युमिनियम के बने बर्तन सस्ते और जल्दी गर्म हो जाने की वजह से हर घर में जगह बना ली है।
Cooking Food In Aluminium Bartan? क्या एल्युमिनियम पैन में खाना पकाने से डिमेंशिया या अल्जाइमर हो सकता है?
1. नर्वस सिस्टम पर असर डालता है
एक शोध के अनुसार अल्जाइमर से पीड़ित रोगी के शरीर में एल्युमिनियम के अंश पाए गए है। यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर याद्दाश्त कमज़ोर करता है। शरीर में एल्युमिनियम की मात्रा ज़्यादा होने से व्यक्ति मेमोरी लॉस का शिकार भी हो सकता है।
2. खाना दूषित हो जाता है
खाना जिस भी बर्तन में पकाया जाए वह अपने अंश ज़रूर छोड़ता है। एल्युमिनियम के बने बर्तन जल्दी गर्म हो जाते है जिसकी वजह से यह खाने में जल्दी और अधिक मात्रा में घुलकर खाने के स्वाद को बदल देते है, खाने के पोषण तत्व सब दूषित हो जाते है और फ़ूड एलर्जी या फ़ूड पाइजन की शिकायत आ सकती है।
3. खतनाक धातु
आयुवेर्द में एल्युमिनियम का खाना बनाने, रखने व उपयोग वर्जित है, इसे खाना बनाने के लिए सबसे खतरनाक धातु माना गया है। अंग्रेज़ी राज के समय भारतीयों को जल्दी मारने के लिए उन्हें एल्युमिनियम के बर्तनो में खाना बनाकर दिया जाता था जो उनके शरीर और दिमाग को कमज़ोर कर उन्हें मृत्यु के घाट उतार देता था।
4. पोषण तत्व सोख लेता है
एल्युमिनियम, खाने से ज़रूरी पोषण सोख लेता है जैसे कि आयरन, कैल्शियम आदि। जिससे शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता और शरीर कमज़ोर होने लगता है। हड्डियों को पोषण नहीं मिलता और शरीर में रहकर यह हड्डियों को खोखला कर देता है।
5. पाचन तंत्र पर असर
एल्युमिनियम के अंश बड़े होते है, जिसे पचाने में हमारा पाचन तंत्र सक्ष्म नहीं है। यह पेट में रह जाते है जिसकी वजह से अल्सर, पेट दर्द, किडनी की बीमारियां, पेट फूलना, अपच जैसी समस्याएं खड़ी हो सकती है। मेटाबोलिज्म कम होने लगता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है।