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Corona Third Wave vs Children
एक्सपर्ट्स के मुताबित 18 साल से कम उम्र के बच्चे और नवजात बच्चे कोरोना की तीसरी लहर में खतरे में हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण ये भी हैं किउनके लिए कोई भी वैक्सीन नही बनी है।
अभी तक की सभी वैक्सीन 18 से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए ही बनी है और उन्ही के हिसाब से टेस्ट की गयी है।
डेल्टा के केसेस बढ़ने का एक कारण स्कूल का खुलना भी है। सब धीरे धीरे स्कूल खोलने के लिए एकदम तैयार हैं जिसके कारण से अचानक से कोरोना केसेस बढ़ सकते हैं।
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि जल्द से जल्द सभी बच्चों को भी वैक्सीन दे दी जाए और उनको इस चुनौती से लड़ने के लिए तैयार कर दिया जाए।
बच्चों को लेकर साइंटिस्ट ने सीरियस होने को कहा है और इनका कहना है अगर बच्चे इन्फेक्ट होना चलूँ होंगे तो हमारे पास इतनी व्यवस्थाएं नहीं हैं कि हम सभी को एम्बुलेंस, वेंटीलेटर और हॉस्पिटल दे पाएं।
पिछले हफ्ते जाइडस कैडिला ने भी बच्चों के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए एक वैक्सीन कन्फर्म की है। यह 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए अप्प्रूव हुई पहली वैक्सीन है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट जो कि चिकनपॉक्स जितना जल्दी फैलता है और वैक्सीन लगे हुए लोगों को भी हो सकता है और यही थर्ड वेव को बढ़ावा देगा।
एक वैक्सीन के सिंगल डोज़ से तो इसके खिलाफ बहुत कम प्रोटेक्शन ही होता है। दूसरे डोज़ से इतना प्रोटेक्शन हो सकता है कि आप सीरियस नहीं होंगे।