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COVID-19 वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी से जुड़ीं कुछ जरुरी बातें

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Swati Bundela
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एंटीबॉडीज के बारे में बात करने से पहले यह जानना जरुरी है कि यह होती क्या है। एंटीबॉडीज हमारी बॉडी में जब बनती हैं जब हमें किसी बीमारी से लड़ना होता है। COVID-19 वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी बनती हैं जिस से कि हमारा स्टैमिना बढ़ता है और शरीर मजबूत होता है।

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COVID-19 वैक्सीन के बाद एंटीबॉडी शरीर में कितने दिन तक रहती है?



इटालियन टाउन में एक शोध किया गया जिस में सामने आया कि कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद आपके शरीर में 9 महीने तक इसकी एंटीबॉडी रहती है। इसका मतलबा ये नहीं है कि इसके बाद आप बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं इसका मतलब हैं कि 9 महीने तक सबसे स्ट्रांग एंटीबॉडीज़ रहती हैं। शोध में ऐसा देखा गया कि 98 % लोग जिन को कोरोना मार्च के महीने में हुआ था उनमें नवंबर के महीने हाई लेवल एंटीबॉडी पाए गए।
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क्या अलग अलग वैक्सीन से अलग अलग एंटीबॉडी बनती हैं?



फिल्हाल इंडिया में तीन वैक्सीन सभी को दी जा रही हैं कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक। इसके अलावा कई और
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वैक्सीन पर भी गौर की जा रही है जैसे कि Pfizer और AstraZeneca। हाल में एक लांसेट स्टडी में ऐसा सामने आया है कि Pfizer और AstraZeneca से बनने वाली इम्युनिटी 10 हफ्ते यानि 2 से 3 महीने में 50% कम हो जाती है।



जब Pfizer और AstraZeneca वैक्सीन लगती हैं तब इनका असर बहुत ज्यादा रहता है और उसके बाद धीरे धीरे बहुत कम रह जाता है। ऐसा होने से यह वैक्सीन ज्यादा समय तक असरदार नहीं होंगी। जो भी Pfizer और AstraZeneca वैक्सीन लगवाता है उसको बूस्टर शॉट बाद में जरूर पड़ेगी इम्युनिटी कम हो जाने के कारण से।



सरकार ने कई साइंटिस्ट से सलाह मशोहरा किया और उसके बाद ये सामने आया है कि कोरोना की तीसरी लहर आना तय है और ये टाली नहीं जा सकती है। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि ये आखिरी लहर कब और कैसे आएगी। ऐसे में शुरू से ही सावधानी बरतना जरुरी है।
सेहत
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