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एक तरफ़ कई महिलाओं के लिए पीरियड्स के दिनों में ऑफिस में काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है। कभी उनको पीरियड्स में पेट में होने वाली मरोड़ तंग करती है, तो कभी ब्लड लीक होने का डर परेशान करता है। दूसरी तरफ़ कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स दर्दनाक न होने के कारण, वो ऑफिस में अपना ध्यान देना ही भूल जाती हैं। periods in office
इन दोनों ही तरह की महिलाओं के लिए जरूरी है कि वो पीरियड्स के दिनों में ऑफिस में अपना ध्यान दें और नीचे दी गई बातों पर अमल करें। ताकि जिन महिलाओं को दर्द होता है, उनको आराम मिल सके। और जिन महिलाओं को दर्दनाक पीरियड्स नहीं होते, वो इनमें से कुछ तरीकों को अपनाकर अपनी सेहत का बेहतर ध्यान दे पाएंगी।
मेंस्ट्रुअल कप्स का कैसे करना है इस्तेमाल
मेंस्ट्रुअल कप्स को इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसे पहले सी-शेप में फोल्ड करना पड़ता है और फिर वजाइना में इन्सर्ट। इसे लगाते ही ये अपनेआप वजाइना की बाहरी लेयर में फिट हो जाता है। यानी ये वजाइना को पूरी तरह-से सील कर देता है। इसे लगाने के बाद हल्का घुमाकर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि ये अच्छे से लगा है या नहीं।
इन दोनों ही तरह की महिलाओं के लिए जरूरी है कि वो पीरियड्स के दिनों में ऑफिस में अपना ध्यान दें और नीचे दी गई बातों पर अमल करें। ताकि जिन महिलाओं को दर्द होता है, उनको आराम मिल सके। और जिन महिलाओं को दर्दनाक पीरियड्स नहीं होते, वो इनमें से कुछ तरीकों को अपनाकर अपनी सेहत का बेहतर ध्यान दे पाएंगी।
- Synthetic और ज्यादा खुशबूदार पैड्स का इस्तेमाल करने से बचें। ‘कॉटन् पैड्स’ का इस्तेमाल करें और अगर आप comfortable है तो ‘menstrual cup’ का।
- कोशिश करें कि आप ऑफिस में पैड्स की जगह मेंस्ट्रुअल कप्स का इस्तेमाल करें। मेंस्ट्रुअल कप्स को कैसे लगाया जाता है, यह आखिर में बताया गया है। पैड्स में लगा ब्लड लंबे समय तक वजाइना के आप-पास लगा रहता है, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप्स में ऐसा नहीं होता। इसमें ब्लड कप में इकठ्ठा होता रहता है, जिस वजह से कभी भी TSS (टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम) नहीं होता। TSS एक रेयर बैक्टिरियल बीमारी है, जो लंबे समय तक गीले नैपकीन को इस्तेमाल करने से होती है।
- ‘हॉट वाटर बैग’ को अपने पास रखें। जरूरत पड़ने पर, कमर या पेट के निचले हिस्से पर लगाएँ।
- पानी खूब पीएँ, शरीर में पानी की बिल्कुल कमी न होने दे। ऑफिस में बोतल में गर्म पानी में तुलसी के पत्ते भी डालकर ले जाएँ। तुलसी एक नेचुरल पेन किलर की तरह काम करता है। इससे आपको ऑफिस में पीरियड्स की मरोड़ से बेहद आराम मिलेगा।
- हमारी ‘मेंटल हेल्थ’ का बहुत प्रभाव पड़ता है हमारे शरीर पर, इसीलिए किसी भी प्रकार के ‘stress’ से बचें। जितना हो सके positive और मस्त रहे।
- अगर आप पैड्स का इस्तेमाल करती है, तो हर 3 घंटे पर उनको बदलना न भूलें। 3 घंटे के बाद से पैड्स में जमा खून सड़ने लगता है, जिससे बदबू आनी शुरू हो जाती है। और आपको skin infection होने का भी खतरा बढ़ जाता है।
- पीरियड्स के दौरान कोशिश करें ढीले और कॉटन के कपड़े पहनने की। इससे बॉडी में air circulation होता रहेगा और आपको comfortable महसूस होगा ।
- पीरियड्स में एकदम ठंडी चीजों से परहेज करें। गर्म चीजों का सेवन करें। इससे आपको पेट-दर्द और मरोड़ से आराम मिलेगा।
- फास्ट फूड का सेवन कम से कम करें। और हो सके तो ना करें। पीरियड्स के दिनों बहुत oily और तेज नमक के खान-पान से परहेज करना चाहिए। ऐसा खाने से cramps बड़ सकते है।
- फलों को पीरियड्स के दिनों में अधिक मात्रा में ले। इन दिनों ब्लड शुगर कम होने लगती है, जिस वजह से आपकी बॉडी को रसदार और मीठे फलों की जरूरत होती है। सीधा चीनी और मिठाईयां खाने से बचे।
मेंस्ट्रुअल कप्स का कैसे करना है इस्तेमाल
मेंस्ट्रुअल कप्स को इस्तेमाल करना बेहद आसान है। इसे पहले सी-शेप में फोल्ड करना पड़ता है और फिर वजाइना में इन्सर्ट। इसे लगाते ही ये अपनेआप वजाइना की बाहरी लेयर में फिट हो जाता है। यानी ये वजाइना को पूरी तरह-से सील कर देता है। इसे लगाने के बाद हल्का घुमाकर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि ये अच्छे से लगा है या नहीं।