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कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पैड का इस्तेमाल करने से रैशेज हो जाते हैं। और इस कारण उन्हें चलने तक में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी रैशेज की समस्या से जूझ रहें है, तो नीचे दिए गए इन 6 उपायों को जरूर अपनाएँ। पैड्स के रैशेज से कैसे बचें -:
सिन्थेटिक (synthetic) व रफ पैड का इस्तेमाल करना, रैशेज होने का प्रमुख कारण होता है। उन जगहों की स्किन बेहद सॉफ्ट व सेंसिटिव होती है। और सिन्थेटिक व रफ पैड के इस्तेमाल से वहाँ पर रैशेज पड़ जाते हैं।
आपको जरूरत है कॉटन पैड्स का इस्तेमाल करने की। कॉटन पैड्स बेहद सॉफ्ट तो होते ही हैं, साथ ही उतने ही आरामदायक भी। अपने पीरियड्स के दिनों में हमेशा कॉटन पैड्स का ही इस्तेमाल करें। और सिन्थेटिक (synthetic) पैड्स को इस्तेमाल करने से बचें।
पैड को हर 3 से 4 घंटे के अंतराल में बदलते रहें। लगातार एक ही पैड के लगे रहने के कारण रैशेज हो जाते है और कई तरह के इन्फेक्शन होने का भी खतरा रहता है।
पैड को यदि ज्यादा समय के लिए लगा रहने दिया जाए तो , वजाइना के आस-पास ब्लड लंबे समय तक लगा रह जाता है और यह सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं। साथ ही , पैड के लंबे समय तक गीले रहने के कारण तरह-तरह की बैक्टिरियल बीमारी होने का भी खतरा रहता है।
अगर आप कामकाजी महिला है या स्टूडेंट हैं तो अपने साथ हमेशा एक्स्ट्रा पैड रखें। ताकि आप नियमित रूप से अपने पैड को बदलते रहें। नियमित अंतराल में पैड को बदलने से आपको रैशेज होने का खतरा तो कम होगा ही , साथ ही आप उन जगहों में होने वाले तमाम तरह के इन्फेक्शन से भी बच जाएंगी।
बाजार में ऐसे कई पैड्स आते है, जो बेहद खुशबूदार होते हैं। और लोग उन्हें लेना भी पसंद करते हैं। मगर ऐसे खुशबूदार पैड्स से दूर रहने में ही भलाई होती है।
इस तरह के पैड्स में कई तरह के रसायनों (chemicals) का उपयोग किया जाता है, ताकि इनसे खुशबू आती रहे। और यही रसायन फिर स्किन के संपर्क में आकर, उसे इरिटेट करते है और वहाँ पर रैशेज हो जाते हैं। साथ ही यह रसायन , सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं।
पीरियड्स के दिनों में उन जगहों की साफ-सफाई बेहद जरूरी होती है। इन दिनों उन जगहों पर इंफेक्शन होने का भी ज्यादा खतरा रहता है। याद से, पीरियड्स के दिनों अपने प्राइवेट पार्ट को हल्के गर्म पानी से धोएँ। ऐसा करने से आप उन तमाम तरह के कीटाणुओं और जीवाणुओं से बची रहेंगी, जो रैशेज और संक्रमण पैदा करते हैं।
आप यदि चाहें तो अपने पीरियड्स में पैड्स की जगह मेंस्ट्रुअल कप का भी प्रयोग कर सकती हैं। ये इस्तेमाल में एकदम सुरक्षित होते हैं।
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कैसे करें ?
मेंस्ट्रुअल कप्स को इस्तेमाल करना बेहद आसान होता है। इसे पहले सी-शेप में फोल्ड करना पड़ता है और फिर वजाइना में इन्सर्ट। इसे लगाते ही ये अपनेआप वजाइना की बाहरी लेयर में फिट हो जाता है। यानी ये वजाइना को पूरी तरह-से सील कर देता है। इसे लगाने के बाद हल्का घुमाकर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि ये अच्छे से लगा है या नहीं।
घंटों पैड लगे रहने के कारण उस जगह में काफ़ी नमी आ जाती है। और ज्यादा देर तक नमी रहेगी तो उस जगह पर खुजली होगी और फिर रैशेज होने का खतरा रहेगा। इसलिए समय-समय पर पैड को बदलकर, वेजाइनल एरिया को साफ पानी से धोकर साफ कर लें ।
यदि फिर भी आपको रैशेज की समस्या होती है तो अपनी डॉक्टर की सलाह लें। और खुद से किसी भी तरह के वेजाइनल सोप या पाउडर का इस्तेमाल करने से बचें।
पढ़िए: क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज करना सही है ?
पैड्स के रैशेज से कैसे बचें -:
1. कॉटन पैड्स का इस्तेमाल करें ।
सिन्थेटिक (synthetic) व रफ पैड का इस्तेमाल करना, रैशेज होने का प्रमुख कारण होता है। उन जगहों की स्किन बेहद सॉफ्ट व सेंसिटिव होती है। और सिन्थेटिक व रफ पैड के इस्तेमाल से वहाँ पर रैशेज पड़ जाते हैं।
आपको जरूरत है कॉटन पैड्स का इस्तेमाल करने की। कॉटन पैड्स बेहद सॉफ्ट तो होते ही हैं, साथ ही उतने ही आरामदायक भी। अपने पीरियड्स के दिनों में हमेशा कॉटन पैड्स का ही इस्तेमाल करें। और सिन्थेटिक (synthetic) पैड्स को इस्तेमाल करने से बचें।
2. नियमित रूप से पैड बदलें ।
पैड को हर 3 से 4 घंटे के अंतराल में बदलते रहें। लगातार एक ही पैड के लगे रहने के कारण रैशेज हो जाते है और कई तरह के इन्फेक्शन होने का भी खतरा रहता है।
पैड को यदि ज्यादा समय के लिए लगा रहने दिया जाए तो , वजाइना के आस-पास ब्लड लंबे समय तक लगा रह जाता है और यह सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं। साथ ही , पैड के लंबे समय तक गीले रहने के कारण तरह-तरह की बैक्टिरियल बीमारी होने का भी खतरा रहता है।
अगर आप कामकाजी महिला है या स्टूडेंट हैं तो अपने साथ हमेशा एक्स्ट्रा पैड रखें। ताकि आप नियमित रूप से अपने पैड को बदलते रहें। नियमित अंतराल में पैड को बदलने से आपको रैशेज होने का खतरा तो कम होगा ही , साथ ही आप उन जगहों में होने वाले तमाम तरह के इन्फेक्शन से भी बच जाएंगी।
3. खुशबूदार पैड्स से बचें ।
बाजार में ऐसे कई पैड्स आते है, जो बेहद खुशबूदार होते हैं। और लोग उन्हें लेना भी पसंद करते हैं। मगर ऐसे खुशबूदार पैड्स से दूर रहने में ही भलाई होती है।
इस तरह के पैड्स में कई तरह के रसायनों (chemicals) का उपयोग किया जाता है, ताकि इनसे खुशबू आती रहे। और यही रसायन फिर स्किन के संपर्क में आकर, उसे इरिटेट करते है और वहाँ पर रैशेज हो जाते हैं। साथ ही यह रसायन , सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं।
4. साफ-सफाई है बेहद जरूरी।
पीरियड्स के दिनों में उन जगहों की साफ-सफाई बेहद जरूरी होती है। इन दिनों उन जगहों पर इंफेक्शन होने का भी ज्यादा खतरा रहता है। याद से, पीरियड्स के दिनों अपने प्राइवेट पार्ट को हल्के गर्म पानी से धोएँ। ऐसा करने से आप उन तमाम तरह के कीटाणुओं और जीवाणुओं से बची रहेंगी, जो रैशेज और संक्रमण पैदा करते हैं।
5. मेंस्ट्रुअल कप्स का इस्तेमाल ।
आप यदि चाहें तो अपने पीरियड्स में पैड्स की जगह मेंस्ट्रुअल कप का भी प्रयोग कर सकती हैं। ये इस्तेमाल में एकदम सुरक्षित होते हैं।
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कैसे करें ?
मेंस्ट्रुअल कप्स को इस्तेमाल करना बेहद आसान होता है। इसे पहले सी-शेप में फोल्ड करना पड़ता है और फिर वजाइना में इन्सर्ट। इसे लगाते ही ये अपनेआप वजाइना की बाहरी लेयर में फिट हो जाता है। यानी ये वजाइना को पूरी तरह-से सील कर देता है। इसे लगाने के बाद हल्का घुमाकर यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए, कि ये अच्छे से लगा है या नहीं।
6. डॉक्टर से लें सलाह ।
घंटों पैड लगे रहने के कारण उस जगह में काफ़ी नमी आ जाती है। और ज्यादा देर तक नमी रहेगी तो उस जगह पर खुजली होगी और फिर रैशेज होने का खतरा रहेगा। इसलिए समय-समय पर पैड को बदलकर, वेजाइनल एरिया को साफ पानी से धोकर साफ कर लें ।
यदि फिर भी आपको रैशेज की समस्या होती है तो अपनी डॉक्टर की सलाह लें। और खुद से किसी भी तरह के वेजाइनल सोप या पाउडर का इस्तेमाल करने से बचें।
पढ़िए: क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज करना सही है ?