Depression In Youth - कोरोना के कारण से सभी अपने घरों में बंद रहे हैं। महीनो न किसी के पास गए हैं न बाहर निकले हैं। इससे सभी के दिमाग पर बहुत फर्क पढ़ा है और लोग डिप्रेशन में आ गए हैं। इसका असर ऐसा हुआ है कि लोगों का किसी भी काम में मन नहीं लगता है और लोग आलसी हो गए हैं शरीर से भी दिमाग से भी।
15 से 24 साल की उम्र के लोगों के बीच में 14 प्रतिशत लोगों में डिप्रेशन देखा गया है। इसको लेकर मेडिकल रिसर्च भी की गयी है और उस में ऐसा भी देखा गोया बच्चे और कम उम्र के लोगों में डिप्रेशन बहुत ज्यादा देखा गया है। इंडिया में 41% लोगों का ऐसा कहना है कि मेन्टल सपोर्ट लेने में कोई बुराई नहीं होती है। डिप्रेशन के कुछ सिम्पटम्स हैं दिमाग धीरे चलना, खाने का मन न करना, किसी चीज़ में मन न लगना और दुखी मेहसूस होना।
डिप्रेशन से बाहर कैसे निकलें?
मानसिक स्वास्थ समस्याओं को घर बैठकर कम करने का सबसे बेहतर तरीका है व्यायाम करना, meditation करना व योग का सहारा लेना। व्यायाम व meditation करने से दिमाग में चल रहे अनेकों ख्यालों को रोका जा सकता है और depression से बचा जा सकता है।
महामारी के समय आसपास इतना भयावह माहौल के कारण हमारा मन बेचैन और परेशान रहता है जिसके कारण डिप्रेशन और ज्यादा बढ़ जाता है। लॉक डाउन के समय कोशिश करें कि अपने आप को छोटे मोटे कामों में व्यस्त रखें जैसे फैमिली के साथ समय बिताना, घर की सफाई करना, कुछ नया पकाना इत्यादि करें जिससे आपका मन बेवजह की बातों से हटकर थोड़ा शांत रहेगा।
माना कि इस कठिन समय में हर बात की जानकारी रखना बहुत ज़रूरी है पर कोशिश करें कि आप न्यूज़ कम से कम देखें क्योंकि न्यूज़ से सिर्फ आस पास की और भी ज्यादा नेगेटिव बातें आपके दिमाग में घर करेंगी और आपके स्ट्रेस को बढायेंगी। न्यूज़ का परहेज करें।
टेक्नोलॉजी के समय में एक शहर से दूसरे शहर में बैठे लोग आसानी से बात कर सकते हैं इसलिए कोशिश करें कि videocall पर आप अपने दोस्तों से, रिश्तेदारों से बातें करें और अपनी बातों को उनके साथ share करें।