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कहने को तो डिप्रेशन को कोई प्रॉब्लम समझता ही नहीं है। सब इसे इग्नोर करते रहते हैं जो की गलत है। डिप्रेशन का सही समय रहते इलाज करना ओर मेन्टल हेल्थ प्रोब्लेम्स से लड़ना आजकल बहुत ज़रूरी है। (depression meaning in hindi)
आज हम बात करेंगे डिप्रेशन के कुछ सिम्पटम्स की । अक्सर कई बार ऐसा होता है की हम डिप्रेशन के सिम्पटम्स को नहीं पहचान पाते और काफी समय गवा देते हैं तो आइये जानते हैं डिप्रेशन के कुछ सिम्पटम्स जिन्हे हम पहचान नहीं पाते।
दर्द जो बताये न जा रहे हो
अक्सर बॉडी में अजीब से पेन्स होते हैं जो हम अपने आस-पास को लोगों को बता नहीं पाते और कभी -कभी तो हम खुद भी नहीं समझ पाते। कभी लेग्स में पेन तो कभी पेट में या कहीं ओर। ये पेन्स डिप्रेशन का साइन हो सकते हैं और हमे इन्हे इग्नोर करने के बजाय डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।
अचानक आपका वज़न और भूख का घटना या बढ़ना ज़रूर ही चिंता का कारण है। हमें अपने शरीर के इन चेंजेस को कभी भी नज़र-अंदाज़ नहीं करना चाहिए।
एनर्जी की कमी होना
हमे बहुत बार कोई काम करने का मन नहीं करता और हम हर काम को टालते रहते हैं। इससे किसी भी काम में फोकस ओर स्ट्रेंथ नहीं बन पाती है। आमतौर पर तो एनर्जी की कमी होना बहुत सारी वजहों से होता है। कभी भी हेल्थ को हमे हलके में नहीं लेना चाहिए। ऐसा होना आम बात है पर ज़्यादा बार इस तरह से होना इग्नोर नहीं करना चाहिए और जल्द से जल्द हमे अपने डॉक्टर को कंसल्ट करना चाहिए क्योंकि यह भी डिप्रेशन का एक सिम्प्टम हो सकता है।
वेट चेंजेस होना
अचानक आपका वज़न और भूख का घटना या बढ़ना ज़रूर ही चिंता का कारण है। आमतौर पर हमारा वज़न यूं ही नहीं काम या ज़्यादा नहीं होता है, इन बदलाव को हमे बिलकुल भी हलके में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है। हमे अपनी बॉडी के इन चेंजेस को कभी भी नज़र-अंदाज़ नहीं करना चाहिए। भूख और वज़न के घटने या बढ़ने का सीधा कनेक्शन हमारे माइंड से जुड़ा है।यह डिप्रेशन के मुख्य कारणों में से एक हो सकता है। हमे अपनी बॉडी में हो रहे इन चैंजेस को हलके में नहीं लेना चाहिए।
किसी भी काम में फोकस न होना
बहुत बार ऐसा होता है की हम अपने काम पर फोकस नहीं कर पाते और अच्छे से अपनी रूटीन फॉलो नहीं कर पाते। हमारा कुछ भी करने का मन न होना, हमेशा चड़चिड़ा रहना और गुस्से में रहना -यह सभी हमारे डिप्रेशन से गुजरने के सिम्पटम्स होते हैं। ओर तो ओर हम अपनी पर्सनल लाइफ पर भी फोकस नहीं कर पाते हैं। अपने करियर में फोकस्ड रहना कुछ ऐसा है जो हर कोई चाहता है पर हम नहीं कर पाते हैं डिप्रेशन के कारण तो इसलिए इसे इग्नोर न करें।
सोने में दिक्कत
डिप्रेशन का सबसे मुख्य सिम्प्टम होता है आपकी नींद में बदलाव आना। रात का नींद न आना और सुबह देर तक सोते रहने से हम अपनी लाइफ को मेस अप कर देते हैं इससे हमारी लाइफ में हम अपने गोल की तरफ ओरिएंटेड नहीं हो पाते। हमारी नींद हमारी हेल्थ में एक बहुत बड़ा रोल निभाती है। नींद एक इंसान की लाइफ में उसकी मेंटल ओर फिजिकल हेल्थ दोनों के लिए ही ज़रूरी होती है। नींद में बदलाव आना या समय से नींद आना हमारी लाइफ में बहुत सारे नेगेटिव इफेक्ट्स डाल सकती है। कभी -कबार ऐसा होना नार्मल है पर अक्सर इस कंडीशन का सामना करना डिप्रेशन का सिम्प्टम है।