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शादी के बाद लड़की का सपना क्या सिर्फ पति का घर संभालना होता है ?

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Swati Bundela
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जैसा की हम सब जानते हैं की किसी भी हिन्दुस्तानी परिवार में लड़कियों की शादी एक बहुत ही सेंसिटिव टॉपिक होता है । हर परिवार में लड़कियों की शादी के लिए हर किसी के अपने विचार होते हैं कुछ लोग कहते हैं कि लड़कियों की शादी जल्दी कर देनी चाहिए और कुछ कहते हैं की लड़कियों को अपने पैरों पर खड़े होने के बाद शादी करनी चाहिए । अभी भी समाज में ऐसे कम ही परिवार हैं जो अपनी बेटी के सपने पूरे करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं । लड़की का सपना
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आज हम बात करेंगे शादी जैसे सेंसिटिव मुद्दे के बारे में कि कैसे शादी के बाद दुनिया के अनुसार एक लड़की को अपनी हर चीज़ के लिए पति पर डिपेंडेंट होना पड़ता है और समाज भी यही चाहता है ।आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक किस्सा जिसके आखिर में समाज के सामने आये हुए प्रशन का उत्तर आप खुद तय कीजिये ।

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यह मेरी खुद की ही कहानी है जैसे हर माँ - बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी की शादी वो अच्छे से अच्छे घर में करें ताकि ज़िन्दगी में उसे किसी भी चीज़ की कमी ना हो और जब भी किसी माँ -बाप को ऐसा रिश्ता मिलता है तो वो सब कुछ नज़रअंदाज़ कर अपनी बेटी को शादी के लिए मजबूर करते हैं और फिर चाहे बात उसके करियर की ही क्यों न हो पर उससे हर चीज़ की क़ुरबानी मांगी जाती है ।

आज मैं आप सबसे पूछती हूँ लड़के का घर, स्टेटस और पैसा सब मायने रखता है पर लड़की का नहीं, ऐसा क्यों?

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इसी तरह जब मैंने भी अपने जीवन के 24 वें वर्ष में कदम रखा तो मेरे लिए भी बहुत अच्छा रिश्ता आया और मेरे माता -पिता को भी यह खूब पसंद आया. उन्होंने आगे बात चलाई और मेरी माँ ने मुझसे पूछा कि मैं शादी के बाद भी अपनी नौकरी जारी रखूंगी तो मैंने कहा हाँ । मैं पेशे से एक कंटेंट राइटर हूँ और कुछ साइड बिज़नेस भी चलाती हूँ । तो मैंने कहा हाँ क्यों नहीं क्योंकि आज मैं जिस मुकाम पर हूँ वह पहुंचने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है । तो मेरी माँ ने मुझसे पूछा." तुम कितना कमा लेती हो?". मैंने अपनी तनख्वाह बताई तो उनका कहना था जब तुम उसके इस प्रश्न का उत्तर दोगी तो वो लड़का यह जवाब दे सकता है कि इतना तो वो हर महीने अपने नौकरों को देता है.



यह जवाब सुनकर मैं बुरी तरह से टूट गयी थी क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा था की दुनिया में एक लड़की को बिना किसी की पहचान के साथ अपने पैरों पर खड़े होना कितना ख़राब हो सकता है । उसकी खुद की मेहनत की कोई वैल्यू नहीं कोई ज़रूरत नहीं । बस लड़के का घर, पैसा, खानदान अच्छा होना चाहिए फिर क्यों पढ़ाया बचपन से स्कूल में, क्यों सपने दिखाए अपने हिस्से का आसमान खुद हासिल करने के लिए. लड़की का सपना
#फेमिनिज्म
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