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Double Standards In Our Society: किस प्रकार के डबल स्टैंडर्ड्स हमें आज भी देखने और सुनने को मिलते हैं

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Swati Bundela
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जेसे कि हम सब को पता ही है कि कैसे हमारे समाज में लड़का और लड़की में भेदभाव होता है। लड़का और लड़की के बीच होती भेदभाव को हम सदियों से देखते और सुनते आ रहे हैं। नज़ाने कितने लोगों को लगता है कि महिलाएं वो सब हासिल नहीं कर सकतीं जो एक आदमी कर सकता है। 

क्यों आज भी लड़कें, लड़कियों को एक ऐसी चीज़ समझते हैं जिसका ध्यान रखा जाना हर समय जरूरी होता है। आज भी, लड़की की तरह क्यों रो रहा है?, लड़की है क्या?, मर्द बन, इन वाक्यों का इस्तमाल किया जाता है। इस जेंडर डिस्क्रिमिनेशन से किसी का भला नहीं होता ना लड़कों का ना लड़कियों का। 

हमारे जीवन में होने वाले कुछ डबल स्टैंडर्ड्स: Double Standards In Our Society

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 डबल स्टैंडर्ड्स शादी से सम्बंधित

1. पत्नी को हमेशा पति का आदर सम्मान करना चाहिए और अपने पति को "आप" कहकर बुलाना चाहिए। वहीं एक पति अपनी बीवी को "तू" करके बुला सकता है। 

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2. एक मां का अपने बच्चों की देखभाल करना जिम्मेदारी है और यह करना कोई महान काम नहीं है लेकिन वही एक पिता अपने बच्चों का  ख्याल रखे तो बड़ा मेहनत का काम है और यह अपने बच्चों से कितना प्यार करता है। 

3. एक महिला को अपने बच्चों को घर पर अकेला दूसरो के भरोसे छोड़कर नहीं जाना चाहिए लेकिन एक आदमी ये बिना किसी के सवाल किए कर सकता है। 

4. एक लड़का अपने से चोटी उम्र की लड़की से शादी कर सकता है और एक लड़की अपने से बड़ी उम्र के लड़के से लेकिन अगर ये उल्टा हो जाए तो किसी को मंजुर नहीं। 

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5. शादी के बाद एक लड़की अपने पति का काम करे तो वो उसकी जिम्मेारी है लेकिन वहीं एक लड़का अपनी बीवी की मदद करे घर के कामों में तो उसे जोरू का गुलाम कहने लगते हैं।

डबल स्टैंडर्ड्स रोज़ की जिंदगी में

1. एक लड़की की ब्रा स्ट्रैप दिखना बहुत बड़ा पाप होता है लेकिन एक लड़के का अंडरवियर दिखना नॉर्मल माना जाता है। 

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2. एक लड़की मेकअप कर सकती है, नेल पेंट लगा सकती है, लेकिन जब एक लड़का ये सब करता है तो उसका मजाक उड़ाया जाता है, तरह तरह के नामों से बुलाया जाता है। 

3. एक लड़की को क्रॉप टॉप पहने पर कही सारी बातें सुनाई जाती हैं लेकिन एक औरत का ब्लाउज कितना भी छोटा क्यों ना हो उसपर कोई कुछ नहीं केहता क्युकी साड़ी तो भारतीय संस्कृति की पहचान है। 

4. बेटों को रात को बाहर जाने की, रात को अपने दोस्तों के घर रहने की अनुमति होती है लेकिन एक लड़की को कही भी जाना है तो अनुमति कि जरूरत पड़ती है और शाम को 6 बजे के बाद बाहर नहीं जा सकती चाहे कितना ही जरूरी काम क्यों ना हो। 

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