Advertisment

दहेज प्रथा अभी भी एक खतरनाक सच्चाई क्यों है?

author-image
Swati Bundela
New Update
तीन साल पहले 27 वर्षीय एक यंग पीएचडी स्कॉलर ने आत्महत्या कर ली क्योंकि उसके ससुराल वाले उसकी आगे की पढ़ाई को लेकर खुश नहीं थे। एक फ्लाइट अटेंडेंट अपनी छत से कूद गई, उनके माता-पिता का कहना है कि दहेज के लिए उसे इमोशनली टॉर्चर किया गया था। इंडिया दहेज पर हरस्मेंट की वजह से हर दिन 20 महिलाओं को मरते हुए देखती है - या तो उनकी हत्या कर दी जाती है, या आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया जाता है। दहेज प्रथा अभी भी एक खतरनाक सच्चाई क्यों है? दहेज में वह जितना सोना लाती है, उसके आसपास हम एक महिला के जीवन को इम्पोर्टेंस क्यों देते हैं? इन सवालों को बार-बार उठाने की ज़रुरत है।

Advertisment


दहेज प्रथा सिर्फ गांव में ही नहीं बल्कि बड़े बड़े शहर जैसे दिल्ली और बैंगलोर में भी होती है।

दहेज प्रथा क्या है?

Advertisment


दहेज प्रथा वो होती है जिसमे दुल्हन कि फैमिली को शादी से पहले दूल्हे की फैमिली को कुछ पैसे या सामान देना पड़ता है शादी कि कंडीशन के तौर पे । शादी के बाद, कुछ परिवार ज़्यादा दहेज मांगने लगते हैं और ना देने पे, दूल्हे और उसके परिवार के लोग दुल्हन के साथ गलत व्यवहार करते हैं और मारते हैं। जनवरी 2020 में बेंगलुरु में रिपोर्ट किये गए केसेस में से एक में , शादी के कुछ हफ्तों बाद, पति ने अपनी मांगों के अनुसार दहेज में 1 किलो सोना लेने करने के बाद भी और पैसो की मांग की। जब और पैसे देने से मना कर दिया गया तो उसने अपनी पत्नी को जलाकर मार डाला।



लोग बेटियों को बोझ मानते हैं। कई परिवार इसकी वजह से लड़की की पढ़ाई से ज़्यादा उसकी शादी के पैसे जोड़ते हैं और कई लड़की के पैदा होते ही उसे मार देते हैं। कुछ केसेस में, लॉ की पनिशमेंट से बचने के लिए, पति और उसके परिवार के लोग महिला को डायरेक्ट नहीं मारते बल्कि उसे मेंटली और फिजिकली परेशान करते हैं और फिर उसे सुसाइड के लिए मजबूर करते हैं। इसी तरह का मामला पिछले साल केरल में सामने आया था जब एक 27 वर्षीय महिला को उसके ससुराल वालों ने उसे भूखा रख कर मार डाला क्योंकि दहेज में दो लाख की उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी।
Advertisment


दहेज प्रथा अभी भी क्यों है?



इस रिवाज की अभी भी होने कि वजह ये पुरुषप्रधान समाज हैं जहाँ अभी भी लड़को को लड़कियों से ऊँचा माना जाता है । भारत की कई सोसाइटीज भी लड़को का रेट कार्ड होता है।
Advertisment




दहेज में वह जितना सोना लाती है, उसके आसपास हम एक महिला के जीवन को इम्पोर्टेंस क्यों देते हैं?

Advertisment


दूसरा इम्पोर्टेन्ट कारण यह है कि इंडियन सोसाइटी में दहेज प्रथा इतनी अंदर तक गड़ी हुई है कि इसे अब नार्मल माना जाने लगा है। आखिर परंपराओं को बदलने की हिम्मत कौन करेगा? आखिर हम सब कब तक ये कुरीतियों के भर के अंदर दबे रहेंगे ? चेंज कैसे और कब शुरू होगा ?

पढ़िए : 10 कारण जो समाज आपको शादी करने के लिए देता है

पेरेंटिंग
Advertisment