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क्या मेडिसिन खाने से आपका शरीर उसका आदि हो जाता है: सच या झूठ

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Swati Bundela
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Eating Medicine: अक्सर आपने लोगों को यह सलाह देते हुए सुना होगा, की ज़्यादा दवाई खाना सेहत के लिए अच्छी नहीं है। डायबिटिक और पथरी के मरीज़ को शुरुआती दोर में बीमारी का पता चलता है, तो दवा खाने का परहेज करने को कहा जाता है। परंतु क्या ऐसा करने से सब ठीक हो जाता है ? क्या यह बात सच है ? आइए जानते है।

Eating Medicine: जब शरीर रोगों से लड़ने में असमर्थ होता है

जब बीमारी का पता चलता है, तो हम दवाई खाने से जिजकते है, कई ख़्याल आते है, पर असल में दवाई आपकी दुश्मन नहीं है। आपका शरीर कुछ कारणों की वजह से अपने आप को रोगों से बचा नहीं पाता। ऐसे में मेडिसिन हमारी रक्षक बनकर आती है। जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करती है।

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मेडिसिन शरीर में एडजस्ट होने में टाइम लेती है

दवाई शरीर पर जल्दी से असर नहीं करती है। उसे शरीर में एडजस्ट होने में समय लगता है, जिसकी वजह से वह धीरे धीरे असर करती है। कई बार ख्याल आता है, कि दवाईयां काम नहीं कर रही, परंतु ऐसा नहीं होता है।

लत, डिपेंडेंसी, टोलेरेंस में फ़र्क होता है

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लोग इन तीन शब्दों को मेडिसिन की दुनिया से जोड़ते समय कंफ्यूज हो जाते है। लत मेडिसिन की नहीं, नशे आदि की लगती है, जो सेहत पर बुरा असर डालते है। उन्हें न लेने पर विथड्रॉवल सिम्पटम्स आते है। जब हमारा शरीर रोगों से लड़ने में सक्ष्म नहीं हो पता, तो उसे दवाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है, वरना आपकी जान और सेहत को ख़तरा हो सकता है। काफी समय से आप जब दवाई ले रहे होते है, तो आपको मेजर फ़र्क नहीं दिखता, क्योंकि आपका शरीर दवाईओं के साथ एडजस्ट हो जाता है, और फंक्शन कर रहा होता है। ऐसे में दवाई कोई असर नहीं कर रही कहना गलत है।


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