करना है ब्रेन को एक्टिव - एक सर्वे में सामने आया है की जो लोग अपनी मानसिक क्षमताओं को लगातार चैलेंज करते रहते हैं आम लोगों के मुकाबले उनका दिमाग ज्यादा एक्टिव और तेज़ी से काम करता है। जब भी हम कोई मेन्टल एक्टिविटी करते है तो इससे हमारे दिमाग के सेल्स के बीच कनेक्शन जेनेरेट होता है और हमारे सेल्स ज्यादा तेज़ी के साथ वर्क करते हैं। वही दूसरी और जो लोग अपनी ब्रेन की एक्सेरसाइज़ कम करते हैं उनके सेल्स स्लो हो जाते है और इस का असर उनकी नार्मल लाइफ में दिखाई देने लगता है।लेकिन कुछ ऐसे काम और कुछ छोटी छोटी एक्टिविटीज ऐसी भी हैं जिनकी हमलोग रोजाना की ज़िन्दगी में अपना कर अपनी ब्रेन एक्टिविटी को तेज़ कर सकते है।
1.सीखें नई भाषा
बचपन से जो भाषा सीखी और जो हमारी मातृभाषा रही उसके अलावा कोई नयी भाषा सीखने में कई साल लग जाते हैं। ऐसे में अगर आपको अपने ब्रेन को ज्यादा दिनों तक एक्टिव रखना है तो किसी नयी भाषा को सिखने में अपना समय इन्वेस्ट कर सकतें है। नयी भाषा को सीखना ब्रेन को एक्टिव करने में मदद करता है इस बात को ऐसे समझा जा सकता है की कोई भी नयी चीज़ जब हमारे सामने आती है तो उसको समझने और एक्सेप्ट करने के लिए हमारे ब्रेन है हर पार्ट एक्टिव हो जाता है।इस वजह से नयी भाषा सीखना आपके ब्रेन के लिए एक छोटी सी एक्सेरसाइज़ बन सकता है।
2.फिजिकल एक्सेरसाइज़ करेगी ब्रेन को एक्टिव
कई सर्वे और शोध में सामने आया है की रोज़ान एक्सेरसाइज़ और फिसिकल एक्टिविटिस में रहने वाले लोग मेंटली ज्यादा स्ट्रेस-फ्री और तेज़ होते हैं। वही काम फिजिकल एक्टिविटी कारने वाले लोग ज्यादा सुस्त और कमजोर होते हैं। फिजिकल एक्टिविटी हमारे सरीर में नयी एनर्जी जेनेरेट करती है और इससे ब्लड फ्लो भी नार्मल से दुगनी तेज़ी से होता है। जिसके कारण ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन तो बढ़ती ही है साथ ही ब्रेन का ऑक्सीजन सप्लाई तेज़ हो जाता है। फिजिकल एक्टिविटी बॉडी और ब्रेन दोनों के लिए बहुत पॉजिटिव फैक्टर है।
3.अच्छी नींद है जरुरी
ब्रेन को एक्टिव और तेज़ बनाने का मतलब ये नहीं की हम उसका का लगातार इस्तेमाल करते रहें। ऐसा करने से हम अपने शरीर को बुरी तरह थका सकते है और ज्यादा खतरनाक सूरतों में इसका हमारे ऑर्गन्स पर गलत असर भी पड़ सकता है। ऐसे में हमे चाहिए की बीच बीच में छोटा छोटा ब्रेक लेते रहें। इसका सबसे आसान और सबसे जरुरी फैक्टर है एक बेहतर नींद। पुरे दिन की थकान के बाद हमारे शरीर और ब्रेन को रेस्ट की जरुरत होती है और ये जरुरत एक अच्छी नींद से पूरी की जा सकती है। शोध में बताया गया है की किसी भी आदमी को एवरेज 6 से 8 घंटे की नींद लेना जरुरी होता है। ऐसा नहीं करने से बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है और ब्रेन की ऑक्सीजन डिमांड पूरी नहीं हो सकने की हालत में आदमी की तबियत ख़राब हो सकती है।
4.दोनों हाथों का करें इस्तेमाल
हमारे ब्रेन का कुछ हिस्सा एनालिटिकल होता है कुछ प्रैक्टिकल और कुछ क्रिएटिव और लॉजिकल थिंकिंग वाला। संटिस्टस के हिसाब से किसी भी काम को जैसे लिखना , ड्राइंग करना , खाना पकाना या खाना खाना वगैरह जो भी काम होते हैं उनको दोनों हाथों से करने की आदत होनी चाहिए। ये हमारे लॉजिकल थिंकिंग और क्रिएटिव माइंड को रेजुवेनेट करने में मदद करता है। इसीलिए आम जिंदगी में हमे कोशिश करनी चाहिए की हम हर काम को दोनों ही हाथों से करने में समर्थ हों।
5.पज़ल्स, ओरिगामी और रुबिक'स क्यूब बनाएंगे ब्रेन को एक्टिव
अक्सर देखा जाता है की छोटे बच्चों को खेल खेल में पढाई कराई जाती है ऐसा इसीलिए की उनका ब्रेन तेज़ी से डेवेलप हो। छोटे छोटे पज़ल्स , कागज़ मोड़मोड़कर अलग अलग फीचर्स बनाने वाला ओरिगामी और रंगीन खांचों वाला क्यूब जिसे रुबिक'स क्यूब भी कहते हैं ; ये सब ब्रेन की क्रिएटिविटी को इन्हैंस करने में मदद करता है। हमें पता है की इस तरह के क्विज और पज़ल्स में बहुत दिमाग का इस्तेमाल करना पड़ता है और यही इसकी खासियत है। दिमाग जितना जयादा काम कारेगा उतनी ही अच्छी उसी एक्सेरसाइज़ होगी। इन खेलों में मैथ्स और साइंस जैसे डिफरेंट प्रॉब्लम सॉल्विंग चैलेंजेज होते हैं जो हमारे ब्रेन को एक्टिव बनाने में हेल्प करतें हैं। इन खेलों में मैथ्स और साइंस जैसे डिफरेंट प्रॉब्लम सॉल्विंग चैलेंजेज होते हैं जो हमारे ब्रेन को एक्टिव बनाने में हेल्प करतें हैं।