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हमारे देश या विदेशों में ज्यादातर महिलाएं अपनी खुशी से ज्यादा अपने पार्टनर की खुशी का ख्याल रखती हैं। और यही वज़ह है कि दुनियाभर की महिलाएं सेक्सुअल प्लेज़र का दिखावा करती हैं। सेक्स एक ऐसा प्रोसेस है जिसमे अगर दोनो पार्टनर को ऑर्गेज्म ना आएं तो वह अधूरा हैं और अपने पार्टनर से नाखुश रहते हैं। लेकिन महिलाएं अक्सर बिना ऑर्गेज्म के ही फेक ऑर्गेज्म (Fake Orgasm Hindi) दिखाकर अपने पार्टनर को अच्छा फील कराती हैं। पर क्यों जब तमाम रिलेशनशिप काउंसिलर्स (relationship counsellors) कहते हैं कि पार्टनर्स को बिस्तर पर अपने परफ़ॉर्मेंस के बारे में सही-सही बात करनी चाहिए तो आख़िर वो कौन-से कारण हैं, जिनके चलते महिलाएं इस एडवाइस को इग्नोर कर देती हैं? आइयें, जानते हैं इन कारणों के बारें में।
ज्यादातर महिलाएं अपने पार्टनर के सेक्स परफॉर्मेंस पर खुलकर बात नही करना चाहती या झिझकती हैं। इसलिए महिलाएं सेक्स में संतुष्ट दिखने के लिए ऑर्गेज्म का दिखावा कर देती हैं। अगर पार्टनर्स एक-दूसरे को समझते हैं और कमिटेड होते हैं तब वे आपस में अपने मनोभावों, सेक्स में पसंद नापसंद का खुलकर ज़िक्र करते हैं।
यह आम धारणा है कि सेक्स ख़ासकर पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान संतुष्ट होना बहुत ज़रूरी है। अब यह कैसे पता चलेगा, जब महिलाएं उस दौरान सेक्सुअल प्लेज़र का दिखावा करेंगी। इतना ही नहीं पॉर्न फ़िल्मों में भी पेनिट्रेटिव सेक्स (penetrative sex) के दौरान महिलाएं अजीब-अजीब सी आवाज़ें निकालती हैं। वे सेक्स एंजॉय या उससे संतुष्ट होने का जाने-अनजाने एक मानक तय कर देती हैं। वह फिल्म है इसलिए वहां नाटक किया जाता है पर असल ज़िंदगी का सेक्स एक्सपीरियंस पॉर्न फ़िल्मों जैसा तो नहीं हो सकता। पर अब चूंकि दुनिया की यह धारणा बन गई है कि महिलाओं को सेक्स एन्जॉय करना चाहिए. तो महिलाएं उस बात को साबित करने के लिए सेक्स में संतुष्ट होने का दिखावा बस कर देती हैं। जो कि लंबे समय के लिए क़तई सही नहीं कहा जा सकता, पर उस ख़ास पल के लिए उन्हें एक आसान और सुरक्षित रास्ता समझ आता है।
महिलाएं जानती हैं कि अगर उनके पार्टनर को यह पता चलेगा कि वह उन्हें संतुष्ट नही कर पाएं तो उन्हे बुरा लगेगा। इसलिए उन्हें खुश रखने के लिए महिलाएं हमेशा फेक ऑर्गेज्म (Fake Orgasm Hindi) का दांव चलतीं हैं। लेकिन यह काफी हद तक गलत और अपने पार्टनर को धोखे में रखने जैसा हैं।
कई बार महिलाएं बुरी तरह थकी होती हैं। ऐसे में महिलाएं ज़्यादा रूड न दिखते हुए सेक्स के लिए तैयार तो हो जाती हैं, पर मन ही मन चाहती हैं कि जल्द से जल्द से ख़त्म हो। इसके लिए उनके पास सबसे सेफ़ और बेस्ट रास्ता होता है इस बात का दिखावा करने का कि वे ऑर्गेज्म महसूस कर चुकी हैं। वैसे भी बहुत कम दफ़ा ऐसा होता है कि दोनों पाटर्नर एक साथ चरम पर आएं. पर जब एक पार्टनर चरम महसूस करता है, तब दूसरा पार्टनर भी संतुष्ट हो जाता है। तो महिलाएं सेक्स प्रोसेस को जल्द से जल्द ख़त्म करके आराम करने के लिए भी चरम पर पहुंचने का दिखावा करती हैं।
हम जानते हैं कि हर चीज होने की कोई न कोई वजह तो होती ही है लेकिन यह भी सच है कि कभी-कभी दिखावा करने का कोई कारण नहीं होता। महिलाएं बस यूं ही सेक्स के दौरान अजीब-अजीब से आवाज़ें निकालती हैं, आहें भरती हैं या ज़्यादा ही वाइल्ड होने का नाटक करती हैं। वे बस अपनी संतुष्टि या कुछ अलग करने के लिए ऐसा करती हैं। और इसी प्रोसेस में ऑर्गेज्म का दिखावा भी कर देती हैं।
पढ़िये: क्या आपकी Sex Drive में आ रही है कमी? जानें 5 कारण
1.खुलकर इस विषय पर बात नहीं करना चाहती
ज्यादातर महिलाएं अपने पार्टनर के सेक्स परफॉर्मेंस पर खुलकर बात नही करना चाहती या झिझकती हैं। इसलिए महिलाएं सेक्स में संतुष्ट दिखने के लिए ऑर्गेज्म का दिखावा कर देती हैं। अगर पार्टनर्स एक-दूसरे को समझते हैं और कमिटेड होते हैं तब वे आपस में अपने मनोभावों, सेक्स में पसंद नापसंद का खुलकर ज़िक्र करते हैं।
2. पॉर्न मूवीज़ का असर
यह आम धारणा है कि सेक्स ख़ासकर पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान संतुष्ट होना बहुत ज़रूरी है। अब यह कैसे पता चलेगा, जब महिलाएं उस दौरान सेक्सुअल प्लेज़र का दिखावा करेंगी। इतना ही नहीं पॉर्न फ़िल्मों में भी पेनिट्रेटिव सेक्स (penetrative sex) के दौरान महिलाएं अजीब-अजीब सी आवाज़ें निकालती हैं। वे सेक्स एंजॉय या उससे संतुष्ट होने का जाने-अनजाने एक मानक तय कर देती हैं। वह फिल्म है इसलिए वहां नाटक किया जाता है पर असल ज़िंदगी का सेक्स एक्सपीरियंस पॉर्न फ़िल्मों जैसा तो नहीं हो सकता। पर अब चूंकि दुनिया की यह धारणा बन गई है कि महिलाओं को सेक्स एन्जॉय करना चाहिए. तो महिलाएं उस बात को साबित करने के लिए सेक्स में संतुष्ट होने का दिखावा बस कर देती हैं। जो कि लंबे समय के लिए क़तई सही नहीं कहा जा सकता, पर उस ख़ास पल के लिए उन्हें एक आसान और सुरक्षित रास्ता समझ आता है।
3. पार्टनर को संतुष्ट करने के लिए
महिलाएं जानती हैं कि अगर उनके पार्टनर को यह पता चलेगा कि वह उन्हें संतुष्ट नही कर पाएं तो उन्हे बुरा लगेगा। इसलिए उन्हें खुश रखने के लिए महिलाएं हमेशा फेक ऑर्गेज्म (Fake Orgasm Hindi) का दांव चलतीं हैं। लेकिन यह काफी हद तक गलत और अपने पार्टनर को धोखे में रखने जैसा हैं।
4. महिलाएं जल्द से जल्द इसे (सेक्स प्रोसेस को) ख़त्म करना चाहती है
कई बार महिलाएं बुरी तरह थकी होती हैं। ऐसे में महिलाएं ज़्यादा रूड न दिखते हुए सेक्स के लिए तैयार तो हो जाती हैं, पर मन ही मन चाहती हैं कि जल्द से जल्द से ख़त्म हो। इसके लिए उनके पास सबसे सेफ़ और बेस्ट रास्ता होता है इस बात का दिखावा करने का कि वे ऑर्गेज्म महसूस कर चुकी हैं। वैसे भी बहुत कम दफ़ा ऐसा होता है कि दोनों पाटर्नर एक साथ चरम पर आएं. पर जब एक पार्टनर चरम महसूस करता है, तब दूसरा पार्टनर भी संतुष्ट हो जाता है। तो महिलाएं सेक्स प्रोसेस को जल्द से जल्द ख़त्म करके आराम करने के लिए भी चरम पर पहुंचने का दिखावा करती हैं।
5. कभी-कभी बिना कारण ही यह दिखावा किया जाता हैं
हम जानते हैं कि हर चीज होने की कोई न कोई वजह तो होती ही है लेकिन यह भी सच है कि कभी-कभी दिखावा करने का कोई कारण नहीं होता। महिलाएं बस यूं ही सेक्स के दौरान अजीब-अजीब से आवाज़ें निकालती हैं, आहें भरती हैं या ज़्यादा ही वाइल्ड होने का नाटक करती हैं। वे बस अपनी संतुष्टि या कुछ अलग करने के लिए ऐसा करती हैं। और इसी प्रोसेस में ऑर्गेज्म का दिखावा भी कर देती हैं।
पढ़िये: क्या आपकी Sex Drive में आ रही है कमी? जानें 5 कारण