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बोर्ड एग्जाम कैंसिल - अगले महीने होने वाली CBSE बोर्ड की परीक्षा को स्थगित करने के लिए केंद्र पर बढ़ते दबाव के बीच, शिक्षा मंत्रालय ने, PM मोदी के साथ परामर्श के बाद, कक्षा 10 की परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया। इससे पहले, शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि परीक्षाओं को समय पर आयोजित करना " मुश्किल " है, जिसे देखते हुए ताजा संक्रमण बड़ गया है। CBSE की ऑफ़लाइन परीक्षाएं 4 मई से शुरू होने के लिए तय की गयीं थी ।
जैसा कि हम सब समझते और जानते हैं बोर्ड़ परीक्षा का महत्व जो कि काफी ज़रूरी है हर एक बच्चे की शिक्षा के सफर के लिए लेकिन क्या वो बच्चे के जीवन से भी ज्यादा ज़रूरी है ? क्या गवर्नमेंट को इस मुद्दे पे थोड़ी ज़्यादा गोर नहीं करनी चाहिए ? आज देश का हर 10 वी और 12 वी का बच्चा जिस दौर से गुज़र रहा है वो खुद ही जानता है।
10 वी और 12 वी कक्षा में हर एक बच्चा मानसिक तनाव से गुज़रता है क्योंकि बोर्ड्स का नाम सुनते ही आप बड़े उत्साह से उसके रिजल्ट के बारे में जानना और पूछना पसंद करते हैं और हर बच्चा भी इन कक्षाओं में ख़ास ध्यान लगाकर पड़ता है। एक समय के बाद परीक्षा और रिजल्ट भी आ जाता है लेकिन इस कोरोना काल में ऐसा कब से हो ही नहीं पा रहा है और बच्चो की टेंशन बड़ती ही जा रही है।
हर बच्चा पहले एक दम ज़ोश में पड़ रहा था क्योंकि सोशल मीडिया पे कोई अफवाह नहीं थी और कोरोना भी जैसे चला ही गया था। लेकिन अब दिन रात सोशल मीडिया पे अफवाह और देशों में बढ़ते कोरोना के केसेस बच्चों को काफी विचलित और राह से भटका रहा है। कुछ बच्चे पूरी तरह से अफवाहों पे विश्वाश कर चुके हैं लेकिन काफी बच्चों को ये कन्फ्यूजन परेशान कर रही है कि आखिर होगे भी एग्जाम या नहीं और अगर हाँ तो आखिर कैसे और कब हम 10 वी और 12 वी कक्षा के आगे बड़ पाएंगे।
इन सभी चीज़ों से बच्चे बहुत समय से परेशान थे और अभी सेंट्रल बोर्ड ने परीक्षा को रद्द कर के सब बच्चों को खुश कर दिया है। ऐसा निर्णय ने ये साबित कर दिया कि सरकार को अभी भी बच्चों की चिंता है और वो कोरोना वायरस को सीरियसली लेते हैं।
जैसा कि हम सब समझते और जानते हैं बोर्ड़ परीक्षा का महत्व जो कि काफी ज़रूरी है हर एक बच्चे की शिक्षा के सफर के लिए लेकिन क्या वो बच्चे के जीवन से भी ज्यादा ज़रूरी है ? क्या गवर्नमेंट को इस मुद्दे पे थोड़ी ज़्यादा गोर नहीं करनी चाहिए ? आज देश का हर 10 वी और 12 वी का बच्चा जिस दौर से गुज़र रहा है वो खुद ही जानता है।
बच्चों के मानसिक स्वस्थ्य पर कैसे फर्क पड़ रहा था ?
10 वी और 12 वी कक्षा में हर एक बच्चा मानसिक तनाव से गुज़रता है क्योंकि बोर्ड्स का नाम सुनते ही आप बड़े उत्साह से उसके रिजल्ट के बारे में जानना और पूछना पसंद करते हैं और हर बच्चा भी इन कक्षाओं में ख़ास ध्यान लगाकर पड़ता है। एक समय के बाद परीक्षा और रिजल्ट भी आ जाता है लेकिन इस कोरोना काल में ऐसा कब से हो ही नहीं पा रहा है और बच्चो की टेंशन बड़ती ही जा रही है।
हर बच्चा पहले एक दम ज़ोश में पड़ रहा था क्योंकि सोशल मीडिया पे कोई अफवाह नहीं थी और कोरोना भी जैसे चला ही गया था। लेकिन अब दिन रात सोशल मीडिया पे अफवाह और देशों में बढ़ते कोरोना के केसेस बच्चों को काफी विचलित और राह से भटका रहा है। कुछ बच्चे पूरी तरह से अफवाहों पे विश्वाश कर चुके हैं लेकिन काफी बच्चों को ये कन्फ्यूजन परेशान कर रही है कि आखिर होगे भी एग्जाम या नहीं और अगर हाँ तो आखिर कैसे और कब हम 10 वी और 12 वी कक्षा के आगे बड़ पाएंगे।
इन सभी चीज़ों से बच्चे बहुत समय से परेशान थे और अभी सेंट्रल बोर्ड ने परीक्षा को रद्द कर के सब बच्चों को खुश कर दिया है। ऐसा निर्णय ने ये साबित कर दिया कि सरकार को अभी भी बच्चों की चिंता है और वो कोरोना वायरस को सीरियसली लेते हैं।