"तुम लड़की होकर टैटू बनवाती हो!": इन 5 बातों को लेकर आज भी हमारी सोच नहीं बदली है

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Swati Bundela
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समाज के कुछ रीति-रिवाज और नियम होते हैं, जिहने लोगो को पालन करने को कहा जाता है। नियम और रिवाजों का समय समय पर बदल जाना बहुत जरूरी होता है लेकिन आज भी कई बातें हैं जो बरसों से चली आ रही हैं। महिलाओं को आज भी दूसरा नागरिक माना जाता है। आज भी पुरानी सोच बदली नहीं है जिसका प्रभाव महिलाओं और पुरुषों दोनों पर बराबर का होता है। हमारे समाज कि स्टरियोटीपिकल सोच को बदलना होगा तभी देश का विकास हो सकता है। जानिए किन बातों का बदलना बेहद जरूरी है।

हमारी सोच बदली नहीं है: Forced Pairs That Don't Make Sense


1 MOM X MARRIAGE 

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हर व्यक्ति को अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने का अधिकार है। जरूरी नहीं हर लड़की का सपना शादी करना हो। बहुत सारी लड़कियों को शादी करने कि रुचि नहीं होती लेकिन उन्हें मां बनने की खुशी मेहसूस करनी होती है। वेसे तो हम 21वीं सदी में हैं फिर भी एक लड़की के इस निर्णय पर हजारों सवाल खड़े हो जाते हैं लोग गलत बातें करने लगते हैं। 

2. TATTOO X ASANSKARI

आज भी लोगो का मानना है कि जो लड़के और लड़कियां टैटू बनवाते है वो संस्कारी नहीं होती। क्या टैटू हमारे संस्कारों को कम कर देता है? क्यों आज भी लड़कियों और लड़कों के टैटू बनवाने पर उन्हें बिगड़ा हुआ, असंस्कारी माना जाता है। टैटू से जीवन में असफल होने की संभावना बढ़ नहीं जाती है। टैटू बनवाने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप अपने मां बाप का समान नहीं करते। 

3. WOMEN X CRY 

हमने हमेशा ये सुना है कि लड़के रोते नहीं हैं। रोने का काम सिर्फ लड़कियों का होता है। हमेशा से कहा जाता है कि लड़के को अपने इमोशंस को छुपाना चाहिए क्युकी मर्द को दर्द नहीं होता। हमारे समाज में समानता की बड़ी बड़ी बाते होती है लेकिन फिर क्यों एक लड़की और लड़के को बराबर का हक नहीं मिलता। लड़कों को भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का पूरा अधिकार होना चाहिए। 

4. DAUGHTER-IN-LAW X ADJUSTMENT

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जब एक लड़की शादी कर के अपने जीवन का नया पेहलू शुरू करती है तब वो अपने ससुराल से प्यार और सहयोग की अपेक्षा करती है। एक लड़की के लिए बहुत कठीन होता है अपने परिवार को छोड़ कर एक नया जीवन शुरू करना। फिर भी हम लड़कियों से एडजस्ट करने को कहते है लेकिन हम कभी ये बात लड़के को क्यों नहीं केहते। 

5. MEN X BIKE 

हमारे समाज में हर चीज़ को लड़कों और लड़कियों के लिए बांट दिया गया है। लेकिन इस निर्णय का आधार है लड़कों के लिए मर्दाना चीज़े और लड़कियों के लिए कोमल चीज़े। जेसे की बाइक और कार लड़कों के लिए और स्कूटी और साइकिल लड़कियों के लिए। अगर लड़के को बाइक या कार चलानी नहीं आए तो कहते है लड़की है क्या जो गाड़ी चलानी नहीं आती और वही एक लड़की अगर बाइक चलाए तो कहते हैं बाइक लड़कों के लिए है तुम क्यों चला ही हो। 


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