Ganesh Chaturthi 2021: गणेश जी की मूर्ति लेते वक़्त ध्यान रखें ये ज़रूरी बातें

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Swati Bundela
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Ganesh Chaturthi 2021: इस साल गणेश चतुर्थी का त्यौहार आज, 10 सितम्बर को पुरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया! का स्वर चरों तरफ गूंज रहा है। आज से अगले दस दिनों तक गणेश जी की आरती-वंदना हर घर हर मंदिर-पंडालों में की जाएगी। हाल ही में कई फिल्मी सितारों ने अपने घर बाप्पा की मूर्ति की स्थापना करवाई है। मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने भी अपने घर गणपति बप्पा का स्वागत किया। अगर आप भी इस गणेश चतुर्थी बप्पा को अपने घर बुला रहें है तो कुछ खास बातें जान लेना जरुरी है। गणेश जी की मूर्ति लेते वक़्त कुछ सावधानियां और कुछ चीज़ों का ध्यान रखना जरुरी हो जाता है- 

Ganesh Chaturthi 2021: मूर्ति में रंगों का होता है विशेष महत्व 

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गणपति बाप्पा की मूर्ति लेते वक़्त उस मूर्ति में लगे रंगों पर ध्यान सबसे पहले जाता है। हर रंग अपने आप में कुछ न कुछ संदेश लिए हुए होता है। इसीलिए बप्पा की मूर्ति लेते वक़्त उसके रंगों पर विशेष ध्यान देना जरुरी हो जाता है। इन दिनों सफ़ेद रंग की गणेश जी की मूर्ति बाज़ार में काफी दिखाई दे रही है। सफ़ेद रंग शांति,खुशियों और धन-लाभ का प्रतीक रंग है। उसी तरह हरे रंग का अपना महत्व है और लाल व गुलाबी रंग भी खुशहाली का प्रतीक है। कहने का मतलब ये है कि रंगों का चुनाव मूर्ति लेते वक़्त करना अच्छा होता है।

मूर्ति के साथ हो वाहन मूषक की प्रतिमा 

शास्त्रों के अनुसार,जिस मूर्ति में गणेश जी का वाहन न हो ऐसे प्रतिमा की पूजा करने से दोष लगता है। इसीलिए गणेश जी की मूर्ति लेते वक़्त ये ध्यान जरूर रखें कि साथ में उनके वाहन मूषक की प्रतीमा भी हो। बिना इसके मूर्ति अधूरी मानी जाएगी और अधूरी मूर्ति का पूजन-पाठन शास्त्रों में ख़राब मन जाता है। कोशिश करें की मूर्ति में मूषक की प्रतीमा भी हो। यदि जल्दबाज़ी में बप्पा के वाहन की प्रतिमा नहीं है तो मार्केट में अलग से भी मूषक की प्रतीमा आराम से मिल जाएगी।

मूर्ति में वास्तु दोष नहीं होना चाहिए

मूर्ति लेते समय हमेशा उसकी बारीकियों पर अच्छी नज़र रखनी चाहिए। क्योंकि कई बार मूर्ति में सजावट के चक्कर में वास्तु दोष आ जाता है। जैसे हमेशा गणपति की बैठी हुई मूर्ति ही लेनी चाहिए। आसान पर विराजमान बप्पा, धन लाभ के सूचक होते हैं। मूर्ति में गणेश जी की सूंड बांई ओर मुड़ी हुई होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और संकटों से छुटकारा मिल जाता है। इस तरह की मूर्ति की स्थापना घर में सुख,शांति ओर धन-सम्पदा लेकर आती है। खंडित मूर्ति का पूजन बिल्कुल नहीं होना चाहिए, यहाँ तक कि खंडित और टूटी मूर्तियों को घर या मंदिर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना बहुत बड़ा दोष मन जाता है। 

मिट्ठी के बने बप्पा की पूजा से होता है लाभ

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पहले गणेश जी की मूर्ति मिट्ठी से ही बना करती थी, लेकिन फिर ज़माना बदल गया। आजकल प्लास्टर ऑफ़ पेरिस और अलग अलग केमिकल्स से बनी बप्पा की मूर्ति मार्केट में मिल रही है। लेकिन हमेशा मिट्टी के गणेश जी की मूर्ति घर लानी चाहिए या मिट्टी से खुद बनानी चाहिए। इसके अलावा सफेद मदार की जड़ से बने गणेश जी की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। वहीं धातुओं में सोना, चांदी या तांबे की मूर्तियों की भी पूजा कर सकते हैं। ये सभी बहुत शुभ माने गए हैं।







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