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"छोटी बच्चियों के उतारे गए कपड़े" क्यों लड़कियों को बनाया जाता है अंधविश्वास का शिकार?

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Swati Bundela
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Girls Paraded Naked In MP: मध्य प्रदेश के दमोह डिस्ट्रिक्ट के बनिया गांव में छोटी बच्चियों को बिना कपड़ो के पूरे गांव में घुमाने का मामला सामने आया। गांव वालो ने इसके पीछे जो वजह बताई वो बेबुनियादी थी, उनके हिसाब से ऐसी हरकत उन्होंने बारिश ना होने की वजह से की। उनके हिसाब से बच्चियों को बिना कपड़ो के गांव में घुमाने से बारिश आती है। ऐसे अंधविश्वास का शिकार मासूम लड़कियों को बनाया गया। इस घटाना से ये सवाल उठता है कि क्यों हमेशा लड़कियों को ऐसे अंधविश्वास का शिकार बनाया जाता है और क्या दमोह में हुई घटना में कोई तथ्य हैं?

अंधविश्वास का शिकार बनी छोटी बच्चियां (Girls paraded naked in MP)

दमोह के बनिया में कई समय से बारिश नही हो रही थी। पुरानी मान्यता के मुताबिक अगर छोटी बच्चियों को बिना कपड़ो के गांव में घुमाया जाए तो जरूर बारिश होती है। इस कुप्रथा को गांव वालो ने अपनाए और छोटी बच्चियों की बिना कपड़ो के गांव में रैली निकलवाई। ये मामला सामने आने के बाद इस मामले पर कार्यवाही की गई।

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मध्यप्रदेश में हुई अंधविश्वास के लिए लड़कियों के शोषण की पहली हटाना नही है। ऐसे कई मामले सामने आते है जिसमे अंधविश्वास के नाम पर कभी किसी लड़की की बलि दी जाती है या किसी लड़की का शारीरिक शोषण किया जाता है। दुख की बात ये है कि ऐसी हरकत में कई बार बच्चियों के मां बाप भी शामिल होते है। इसकी वजह होती है अंधविश्वास और कुप्रथाओं की मान्यता।

इक्कीसवीं सदी में भी लड़कियां अंधविश्वास का शिकार

हमारा देश कितना भी आगे बढ़े लेकिन कई शहरों और गांव में अंधविश्वास के नाम पर लड़कियों को शिकार बनाए जाता है। ये सोचने वाली बात है कि क्या लड़कियों का ऐसे शोषण करने से बारिश आ सकती है या क्या कोई भी समस्या का समाधान मिल सकता है?

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जब ऐसा नहीं है तो देश के हर गांव में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। ताकि लड़कियों को ऐसे रूढ़ी परंपराओं का शिकार ना बनाया जाए। लड़कियों को कमजोर समझकर उनके ऊपर बहुत अन्याय होते है। इसके साथ महिला भ्रूण हत्या और छटी बच्चियों का जनम होते ही उन्हें मार देना ऐसे केसेस अभी भी सामने आते है।

इसके खिलाफ आवाज उठाना बहती जरूरी है। लड़कियों के साथ होने वाली ऐसी हरकतों के खिलाफ सक्त सजा होनी चाहिए। ताकि कोई इंसान, गांव या समूह ऐसी हरकत ना करें। कई एनजीओ ऐसी कुप्रथाओं का विरोध करते है और इसके खिलाफ आवाज उठाते है। लड़कियों के माता पिता ने भी ऐसी कुप्रथाओं का विरोध करना चाहिए और अपनी बेटियो को अंधविश्वास का शिकार बनने से रोकना चाहिए।



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