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Happy Birthday Lata Mangeshkar - लता मंगेशकर अपनी आवाज और गानों के लिए जानी जाती हैं। यह भारत की शान हैं और एक अनमोल नगीना हैं। इनकी आवाज के सभी ऐसे फैन हैं कि हज़ारों में इनकी आवाज पहचान लें। लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में हुआ था और यह आजके दिन अपना जन्मदिन बनाती हैं। यह 1929 में पैदा हुई थीं और इस बार यह अपना 92 जन्मदिन मना रही हैं। इनको इनके गानों के लिए कई नाम मिल चुके हैं जैसे कि नेशनल फिल्म अवार्ड्स, BFJA अवार्ड्स और फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का।
इनको इनके गानों के लिए कई नाम अवार्ड चुके हैं जैसे कि नेशनल फिल्म अवार्ड्स, BFJA अवार्ड्स और फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का। इनको कई नामों से बुलाया जाता है जैसे कि क्वीन ऑफ़ मेलोडी और नाइटिंगेल ऑफ़ नार्थ इंडिया। यहाँ तक की इनको पदमा भूषण, दादासाहेब फाल्के और पदमा विभूषण।
लता मंगेशकर के सबसे फेमस और सदाबहार गानें हैं लग जा गले, भीगी भीगी रातों में, तेरी बिना ज़िन्दगी से, कोरा कागज़ था यह मेरा मन, अजीब दास्ताँ है यह , प्यार हुआ इकरार हुआ, एक प्यार का नगमा है, पन्ना की तमन्ना है और देखा एक ख्वाब।
लता मंगेशकर के गानों में इतने उतार चढ़ाव होते हैं जो लोगों को देखकर लगता है कि किसी तकनीक के सहारे से किया गया हो लेकिन जिस वक़्त में यह गानें रिकॉर्ड किए गए हैं उस वक़्त कोई भी ऐसी तकनीक आयी ही नहीं थीं। इनकी आवाज का ही यह जादू है। कुछ कुछ गानें तो लता मंगेशकर के ऐसे हैं जिन्हें सुन इंसान रो पढता है जैसे कि "लगजा गले कि फिर कभी यह हसीं रात हो न हो"।
लता अपने गाने को लेकर बहुत अभ्यास करती थीं। यह दिन भर एक ही अंतरा को परफेक्ट बनाने की कोशिश किया करती थीं। इन्होंने एकदम परफेक्ट साउंड निकालने के लिए कई तरीके के योग और साधना भी की है जो बड़े बड़े गायक भी नहीं कर पाते हैं।
लता मंगेशकर को क्या क्या अवार्ड मिले हैं?
इनको इनके गानों के लिए कई नाम अवार्ड चुके हैं जैसे कि नेशनल फिल्म अवार्ड्स, BFJA अवार्ड्स और फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का। इनको कई नामों से बुलाया जाता है जैसे कि क्वीन ऑफ़ मेलोडी और नाइटिंगेल ऑफ़ नार्थ इंडिया। यहाँ तक की इनको पदमा भूषण, दादासाहेब फाल्के और पदमा विभूषण।
लता मंगेशकर के फेमस गाने कौन से हैं?
लता मंगेशकर के सबसे फेमस और सदाबहार गानें हैं लग जा गले, भीगी भीगी रातों में, तेरी बिना ज़िन्दगी से, कोरा कागज़ था यह मेरा मन, अजीब दास्ताँ है यह , प्यार हुआ इकरार हुआ, एक प्यार का नगमा है, पन्ना की तमन्ना है और देखा एक ख्वाब।
लता मंगेशकर के टैलेंट के आगे तकनीक हुई फ़ैल
लता मंगेशकर के गानों में इतने उतार चढ़ाव होते हैं जो लोगों को देखकर लगता है कि किसी तकनीक के सहारे से किया गया हो लेकिन जिस वक़्त में यह गानें रिकॉर्ड किए गए हैं उस वक़्त कोई भी ऐसी तकनीक आयी ही नहीं थीं। इनकी आवाज का ही यह जादू है। कुछ कुछ गानें तो लता मंगेशकर के ऐसे हैं जिन्हें सुन इंसान रो पढता है जैसे कि "लगजा गले कि फिर कभी यह हसीं रात हो न हो"।
लता मंगेशकर ने की बहुत मेहनत
लता अपने गाने को लेकर बहुत अभ्यास करती थीं। यह दिन भर एक ही अंतरा को परफेक्ट बनाने की कोशिश किया करती थीं। इन्होंने एकदम परफेक्ट साउंड निकालने के लिए कई तरीके के योग और साधना भी की है जो बड़े बड़े गायक भी नहीं कर पाते हैं।