खाना खाने के तुरंत बाद हमें पेट में कुछ सूजन महसूस होती है या पेट फुला हुआ लगता है जिसे ब्लोटिंग कहा जाता है। लेकिन लड़कियों में पीरियड्स के शुरुआती दिनों के कुछ पहले इस ब्लोटिंग को महसूस करना PMS यानि Premenstrual Syndrome का लक्षण हो सकता है। इसमें पेट का निचला हिस्सा फुला हुआ और भरी लग सकता है। वैसे तो पीरियड ब्लोटिंग को पूरी तरह ख़त्म नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कम करने के कुछ तरीके हैं। ब्लोटिंग से आराम पाने के लिए कुछ तरकी होते हैं जिसके बारे में आज हम बात करेंगे।
पेट की ब्लोटिंग कैसे कम करें?
1. एक्सरसाइज है जरुरी
PMS और Period bloating में रोज़ाना वर्कआउट बहुत फायदा करता है। पीरियड्स में थकान और चिड़चिड़ेपन के कारण महिलाएं एक्सरसाइज से ब्रेक ले लेती हैं जो की गलत है। ऐसा करने से पेट की सूजन तेज़ी से बढ़ने लगती है , शरीर भारी लगता है और तबियत ज्यादा ख़राब होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए महलाओं को चाहिए की वो रोज़ाना कुछ वक़्त वर्कआउट के लिए निकाले।
2. पानी पीते रहें
इस बात का ख़ास ख्याल रखे कि पीरियड्स के दिनों में जितना हो सके पानी पिए। ऐसा करने से आपका शरीर डिहाइड्रेशन से तो बचेगा ही साथ ही साथ पीरियड्स क्रैम्प्स और ब्लोटिंग में राहत भी मिलेगी। कामकाजी महिलाओ को कोशिश करनी चाहिए कि पीरियड्स के दिनों में खास करके अपने साथ पानी कि बोतल ले कर चले और छोटे छोटे टाइम गैप्स पर पानी पीते रहें।
3. डॉक्टर को कब दिखाएं
वैसे तो Period bloating काफी आम समस्या है और आम तौर पर हर महिला और लड़की इसका सामना करती है लेकिन यदि समस्या ज्यादा बढ़ रही हो तो डॉक्टर कि सलाह लेना भी जरुरी हो जाता है।अगर घरेलु उपचार से पेट कि सूजन कम न हो या पीरियड्स ख़तम होने के बाद भी ब्लोटिंग न गयी हो तो ऐसे में दवाई लेना जरुरी हो जाता है।
4. पेट में ब्लोटिंग में डाइट किस तरीके की रखें ?
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अपने खानपान और डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। खाने में सोडियम की मात्रा कम ही रखनी चाहिए यानि नमक का सेवन कम और तला भुना भी कम खाना चाहिए। रोज़ाना की डाइट में हरी सब्ज़ियों के साथ खड़े अनाज और प्रोटीन को शामिल करना सही रहता है। एक सर्वे के हिसाब से रोज़ाना 2300 मिलीग्राम से अधिक नमक का सेवन खतरनाक साबित हुआ है। इसीलिए नमकीन और चटपटी चीज़ों से ध्यान हटा कर हेल्थी डाइट को अपनाना सही रहेगा।