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अच्छा लीडर कैसे बनें
कुछ महत्वपूर्ण गुण जो महिलाओं नेतृत्व के लिए आवश्यक हैं -
नेतृत्व करने वाले को स्वयं एक अनुशासित जीवन जीना चाहिये जिससे वो अन्य सहयोगियों पर अपनी छाप छोड़ सके और वो सब अपने नेत्री के प्रशंसक बने रहें।
मेहनतकश व्यक्ति आसानी से अपनी श्रमशीलता के माध्यम से अपने जूनियर्स को प्रभावित कर लेता है। श्रम ही पूजा है के मंत्र को धारण कर अपना व्यक्तित्व विकास कर अन्य सहयोगियों में अपने प्रति सम्मान का भाव पैदा करने में सफल हो जाता है।
अपने एवं अपने अधीनस्तों, सहकर्मियों की ग़लतियों/ त्रुटियों आदि की स्वयं ज़िम्मेदारी लेना उस नेत्री के व्यक्तित्व में चार चाँद लगाता है एवं उसे जननेता बनने की ओर अग्रसर करता है।
नेतृत्वकर्ता में साहस की सदा अपेक्षा रहती है। एक साहसी नेत्री ही महिलाओं के एक बड़े संगठन का कुशलता से नेतृत्व कर सकती है। उसके दृढ़निश्चय एवं साहस से समस्त महिलाओं को उनकी टोलियों को ऊर्जा मिलेगी। वह ऊर्जा का मुख्य स्रोत होगी।
आत्मनिर्भरता एवं स्वयं पर नियंत्रण, स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण की अपेक्षा सदा ही नेतृत्व करने वाली नेत्री में अपेक्षित है। आत्मनिर्भरता की शक्ति से उसमें सबके हित में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।
अन्य कई ऐसे गुण हैं जिनके माध्यम से एक कुशल नेत्री महिलाओं का कुशल नेतृत्व कर सकती है।जैसे: निर्देशन करना, एकता का भाव जागृत करना, व्यक्तिगत स्तर पर समूह की एवं कार्यकर्ता विशेष की चिंता करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना, निर्णय लेने में सभी को सहयोगी बनाना, योजना में सबके विचारों को सम्मिलित करना इत्यादि।
कुछ महत्वपूर्ण गुण जो महिलाओं नेतृत्व के लिए आवश्यक हैं -
• लीडर का अनुशासन प्रिय होना:
नेतृत्व करने वाले को स्वयं एक अनुशासित जीवन जीना चाहिये जिससे वो अन्य सहयोगियों पर अपनी छाप छोड़ सके और वो सब अपने नेत्री के प्रशंसक बने रहें।
•लीडर का मेहनती होना:
मेहनतकश व्यक्ति आसानी से अपनी श्रमशीलता के माध्यम से अपने जूनियर्स को प्रभावित कर लेता है। श्रम ही पूजा है के मंत्र को धारण कर अपना व्यक्तित्व विकास कर अन्य सहयोगियों में अपने प्रति सम्मान का भाव पैदा करने में सफल हो जाता है।
•जवाबदार लीडर:
अपने एवं अपने अधीनस्तों, सहकर्मियों की ग़लतियों/ त्रुटियों आदि की स्वयं ज़िम्मेदारी लेना उस नेत्री के व्यक्तित्व में चार चाँद लगाता है एवं उसे जननेता बनने की ओर अग्रसर करता है।
•दृढ़निश्चयी एवं साहसी लीडर:
नेतृत्वकर्ता में साहस की सदा अपेक्षा रहती है। एक साहसी नेत्री ही महिलाओं के एक बड़े संगठन का कुशलता से नेतृत्व कर सकती है। उसके दृढ़निश्चय एवं साहस से समस्त महिलाओं को उनकी टोलियों को ऊर्जा मिलेगी। वह ऊर्जा का मुख्य स्रोत होगी।
•आत्मनिर्भर एवं स्वनियंत्रित लीडर:
आत्मनिर्भरता एवं स्वयं पर नियंत्रण, स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण की अपेक्षा सदा ही नेतृत्व करने वाली नेत्री में अपेक्षित है। आत्मनिर्भरता की शक्ति से उसमें सबके हित में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।
अन्य कई ऐसे गुण हैं जिनके माध्यम से एक कुशल नेत्री महिलाओं का कुशल नेतृत्व कर सकती है।जैसे: निर्देशन करना, एकता का भाव जागृत करना, व्यक्तिगत स्तर पर समूह की एवं कार्यकर्ता विशेष की चिंता करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना, निर्णय लेने में सभी को सहयोगी बनाना, योजना में सबके विचारों को सम्मिलित करना इत्यादि।