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मिसकैरेज होना ,महिलाओं के लिए न सिर्फ़ शारीरिक तौर पर मुश्किल होता है बल्कि ,मानसिक तौर पर भी बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में महिलाओं को इस दर्द से उभरने के लिए सबसे ज़्यादा अपने पति के प्यार की ज़रूरत होती हैं। कई बार पति समझ नहीं पाते कि किस तरह अपनी पत्नी के दर्द को कम करें। आज हम आपको बताएंगे मिसकैरेज के बाद अपनी पत्नी को कैसे संभाले (How to deal with miscarriage in Hindi)।
पति -पत्नी का रिश्ता बड़ा ही खट्टा -मीठा होता है ,कभी लड़ाई तो कभी प्यार। यह रिश्ता एक-दम रोलरकोस्टर राइड की तरह होता है। मिसकैरेज कपल्स की लाइफ में बहुत ही मुश्किल घड़ी होती है। महिलाएं इस सिचुएशन में काफ़ी डिस्टर्ब महसूस करती हैं और एक तरह का खालीपन महसूस करती हैं। ऐसे टाइम में उन्हें अपने पति की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।
मिसकैरेज के बाद महिला के मन में हर वक़्त अपने खोये हुए बच्चे की बाते घूमती रहती है। ये एक ऐसी सिचुएशन होती है, जब मां अपने अजन्मे बच्चे को खो देने के दुख से गुजर रही होती है। ऐसे में उस औरत को ज़्यादा प्यार और सपॉर्ट की ज़रूरत होती है। इसके लिए जरूरी है कि पति अपनी पपत्नी के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताये। अगर इस टाइम किसी महिला को उसके आंसुओं और दर्द के साथ अकेला छोड़ दिया जाए तो उसकी मेन्टल हेल्थ पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
महिला के आस-पास हर समय कोई ना कोई रहना चाहिए ताकि वह खुद को अकेला ना महसूस करे। पति और परिवार के लोगों को महिला का ध्यान भटकाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें कही घुमाने ले जाये ,घर में फिल्म दिखाए। ऐसे रिश्तेदारों से दूर रखे जो इस बारे में बात करें। घर का माहौल पॉज़िटिव रखे ताकि वो ख़ुशी महसूस करें।
दर्द और तकलीफ से गुजर रहे व्यक्ति के दिमाग में नेगेटिव खयाल बहुत ज़्यादा आते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें प्रैक्टिकल प्रोब्लेम्स होने लगती हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी पत्नी के साथ इस तरह की चीजें हो रही हैं और आपको उनके व्यवहार में नकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं तो आपको किसी सायकाइट्रिस्ट की मदद लेनी चाहिए। इसमें झिझकने या डरने की कोई जरूरत नहीं है।
पति -पत्नी का रिश्ता बड़ा ही खट्टा -मीठा होता है ,कभी लड़ाई तो कभी प्यार। यह रिश्ता एक-दम रोलरकोस्टर राइड की तरह होता है। मिसकैरेज कपल्स की लाइफ में बहुत ही मुश्किल घड़ी होती है। महिलाएं इस सिचुएशन में काफ़ी डिस्टर्ब महसूस करती हैं और एक तरह का खालीपन महसूस करती हैं। ऐसे टाइम में उन्हें अपने पति की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है।
मिसकैरेज के बाद अपनी पत्नी को कैसे संभाले (How to deal with miscarriage in Hindi) ?
पत्नी के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताये :
मिसकैरेज के बाद महिला के मन में हर वक़्त अपने खोये हुए बच्चे की बाते घूमती रहती है। ये एक ऐसी सिचुएशन होती है, जब मां अपने अजन्मे बच्चे को खो देने के दुख से गुजर रही होती है। ऐसे में उस औरत को ज़्यादा प्यार और सपॉर्ट की ज़रूरत होती है। इसके लिए जरूरी है कि पति अपनी पपत्नी के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताये। अगर इस टाइम किसी महिला को उसके आंसुओं और दर्द के साथ अकेला छोड़ दिया जाए तो उसकी मेन्टल हेल्थ पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
अकेला ना छोड़ें :
महिला के आस-पास हर समय कोई ना कोई रहना चाहिए ताकि वह खुद को अकेला ना महसूस करे। पति और परिवार के लोगों को महिला का ध्यान भटकाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें कही घुमाने ले जाये ,घर में फिल्म दिखाए। ऐसे रिश्तेदारों से दूर रखे जो इस बारे में बात करें। घर का माहौल पॉज़िटिव रखे ताकि वो ख़ुशी महसूस करें।
रियलिटी को एक्सेप्ट करें :
दर्द और तकलीफ से गुजर रहे व्यक्ति के दिमाग में नेगेटिव खयाल बहुत ज़्यादा आते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें प्रैक्टिकल प्रोब्लेम्स होने लगती हैं। अगर आपको लगता है कि आपकी पत्नी के साथ इस तरह की चीजें हो रही हैं और आपको उनके व्यवहार में नकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं तो आपको किसी सायकाइट्रिस्ट की मदद लेनी चाहिए। इसमें झिझकने या डरने की कोई जरूरत नहीं है।