महिलाएं कैसे सपोर्ट कर सकती हैं? एक कामयाब महिला के पीछे दूसरी कामयाब महिला का हाथ होता है। जो हर परिस्तिथि में उनके पीछे खड़ी रहती है, सपोर्ट करती है बावजूद इसके की लोग क्या कहेगा वह दृढ़ विश्वास के साथ उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन देती है। उन महिला से बनता है एक ऐसा मजबूत समाज जो नहीं टूटता किसी के कमज़ोर इरादों से।
महिलाएं कैसे सपोर्ट कर सकती हैं
महिलाएं जब बढ़ती है खुदपर विश्वास के साथ तब दूसरी महिला लगा देती है पूरी जान उसके सपनो पर और करती है हर वक़्त सपोर्ट भावनात्मक, मानसिक रूप से, ताकि वह हार ना माने जब तब उनकी जीत निश्चित न हो।
जब एक महिला बनती है झांसी की रानी तो दूसरी उसकी ढाल बनकर करती है बहिष्कार हर एक बेईमानी का और मिलकर लड़ती है वो जंग जो समाज ने उनके खिलाफ छेड़ी थी।
जब महिला बना लेती है अपनी जगह समाज में तब वह भूलती नहीं उन्हें जिनकी वजह से उन्होंने ये मुक़ाम हासिल किया। वह बाकी सभी महिला की सारथी बनकर लाती है बदलाव समाज की सोच में।
बदलाव जो आता है महिला के सपोर्ट से समाज में
जब एक महिला वही काम करती है जो दूसरी महिला कर रही है वो उन्हें प्रतिद्वंद्वी नहीं बनाता, बल्कि विश्वास दिलाता है की कोई है जो उन्हें समझेगा और सपोर्ट करेगा हर सिथति में।
पुरुष प्रभुत्व समाज में जहाँ महिलाओं को अपने कला का प्रमाण देना पड़ता है वहां महिलाएं दूसरी महिलाओं को प्रोत्साहित करती है और उनकी प्रेरणा भी बनती है।
महिला सारी नकारात्मकता को भूलकर जब अपने सपनो के प्रति उड़ान भर्ती है तब ना ही केवल वो अपनी बेटी को बहन को बल्कि पूरे समाज के लिए एक नयी ऊर्जा बनती है। सपोर्ट कर सकती हैं सपोर्ट कर सकती हैं