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जिज्ञासा के कारण वो नईं चीज़ें सीखतें हैं। बच्चे इस उम्र में चीज़ों को बहुत स्पीड से सीखते है इसलिए उन्हें नर्सरी क्लास मे डाला जाता है जिससे उनकी सोशल ग्रोथ होती है। आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कोरोना का बच्चों पर असर के बारे में -
छोटे बच्चों के लिये ज़ूम मीटिंग्स एंड वीडियो कॉल काफी अलग और नया अनुभव रहता है। बच्चे मिस करतें हैं स्कूल मे अपनी उम्र के बच्चों मे रहना, दादा दादी और टीचर्स से मिलना क्योंकि उनको नहीं समझ की अचानक से सब कहा चले गए हैं ।
इस समय मे पेरेंट्स ध्यान रखें की कोरोना वायरस खतम होते ही आपके बच्चों को वो सारी चीज़ें मिलें जो वो घर रह कर नहीं करपाए हैं। सरकार को भी ऐसी कुछ स्पेशल प्रोग्राम्स लाने चाहिए जिनसे बच्चों की फिजिकल एंड मेन्टल ग्रोथ में हेल्प हो।
जिनको न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर्स काफी कठिन हैं क्योंकि इनका ट्रीटमेंट छोटी उम्र से चालू हो जाता है और सामाजिक बातचीत इसका मुख्या हिस्सा होता है। आजकल कोरोना के कारण हम समाज से कटते जा रहे हैं जिस का असर सीधा हमारे मानसिक स्वास्थ पर होता है।
इस समय सबसे जरुरी है कि आपको पता हो कि बच्चे के मन में चल क्या रहा है ताकि आप उसके हिसाब से रियेक्ट कर सको। इसलिए बात करे और बच्चे को अकेला न छोड़ें। इस से उनको पॉजिटिव महसूस होगा।
1. बच्चे पुराना टाइम मिस करते हैं
छोटे बच्चों के लिये ज़ूम मीटिंग्स एंड वीडियो कॉल काफी अलग और नया अनुभव रहता है। बच्चे मिस करतें हैं स्कूल मे अपनी उम्र के बच्चों मे रहना, दादा दादी और टीचर्स से मिलना क्योंकि उनको नहीं समझ की अचानक से सब कहा चले गए हैं ।
2. पेरेंट्स क्या कर सकते हैं ?
इस समय मे पेरेंट्स ध्यान रखें की कोरोना वायरस खतम होते ही आपके बच्चों को वो सारी चीज़ें मिलें जो वो घर रह कर नहीं करपाए हैं। सरकार को भी ऐसी कुछ स्पेशल प्रोग्राम्स लाने चाहिए जिनसे बच्चों की फिजिकल एंड मेन्टल ग्रोथ में हेल्प हो।
3. न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर्स
जिनको न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर्स काफी कठिन हैं क्योंकि इनका ट्रीटमेंट छोटी उम्र से चालू हो जाता है और सामाजिक बातचीत इसका मुख्या हिस्सा होता है। आजकल कोरोना के कारण हम समाज से कटते जा रहे हैं जिस का असर सीधा हमारे मानसिक स्वास्थ पर होता है।
4. बच्चों के मन की बात जानें
इस समय सबसे जरुरी है कि आपको पता हो कि बच्चे के मन में चल क्या रहा है ताकि आप उसके हिसाब से रियेक्ट कर सको। इसलिए बात करे और बच्चे को अकेला न छोड़ें। इस से उनको पॉजिटिव महसूस होगा।