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क्या कोविड वैक्सीन से महिलाओं की फर्टिलिटी पर बुरा असर होता है? जानिए इससे जुड़ी कुछ जरुरी बातें

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Swati Bundela
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कोविड वैक्सीन का महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर: कुछ महिलाएं COVID-19 के खिलाफ टीके लगाने से कतरा रही हैं क्योंकि कई महिलाओं को लगता है कि कोविड कि वैक्सीन से उनकी फर्टिलिटी पर असर हो सकता है और प्रेगनेंसी में कम्प्लीकेशन पैदा हो सकती हैं। एंटी वैक्सीन का कैंपेन करने वाले लोग इन आशंकाओं को हवा दे रहे हैं और महिलाओं को यह सोचकर गुमराह कर रहे हैं कि टीका अभी या भविष्य में उनके गर्भवती होने की संभावना को प्रभावित कर सकता है, या उनके गर्भपात के जोखिम को बढ़ा सकता है।

फर्टिलिटी और वैक्सीनेशन को लेकर ये मिथ कैसे पैदा हुआ?

दिसंबर 2020 में एक यूरोपीय डॉक्टर ने दवा किया और अनुमान लगाया कि प्लेसेंटा में प्रोटीन थे जो वायरस में स्पाइक प्रोटीन के साथ समानता रखते हैं। उन्होंने सोचा कि स्पाइक प्रोटीन को अवरुद्ध करने वाले टीकों में एंटीबॉडी भी प्लेसेंटा से जुड़ सकते हैं। हालांकि, उनके इस पोस्ट को अब हटा दिया गया है। डॉक्टर का ये दावा पूरी तरह से एक मिथ था, क्योंकि उस वक़्त तक वैक्सीन अपने ट्रायल के तीसरे चरण में ही थी। तमाम तरह के अध्ययनों ने अब इसकी पुष्टि की है कि वायरल और प्लेसेंटल प्रोटीन इतने समान नहीं हैं। इसीलिए, वैक्सीन किसी भी तरह से महिलाओं कि फर्टिलिटी को एफेक्ट नहीं करती है। 

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कोविड वैक्सीन का महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर मामले में क्या कहता है साइंस?

वैक्सीन रोलआउट शुरू होने के बाद से, दुनिया भर में COVID टीकों की छह बिलियन खुराकें प्रशासित की गई हैं, जिनमें Pफाइजर और मॉडर्न शामिल हैं, ऑस्ट्रेलिया में 60 से कम उम्र के लिए अनुशंसित टीके, जिनमें प्रेग्नेंट महिलाएं भी शामिल हैं। Pफाइजर न्यूजीलैंड में पेश किया जाने वाला एकमात्र टीका है।

अध्ययनों ने गर्भपात यानि एबॉर्शन पर भी ध्यान दिया है। अगर स्पाइक के खिलाफ एंटीबॉडी ने प्लेसेंटा के लिए समस्याएं पैदा कीं, तो हम गर्भपात देखने की उम्मीद करते हैं। लेकिन वैक्सीनेशन के केस में डॉक्टरों को ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है।

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कोविड वैक्सीन का महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर नहीं हुआ 

वैक्सीन लगवाने के बाद महिलाओं को कड़ी निगरानी में रखा गया। जिन महिलाओं ने वैक्सीन लगवाई और जो बिना वैक्सीनेशन के रहीं, दोनों तरह की महिलाओं के ओवेरियन फॉलिकल्स और एग्स के मार्कर्स में कोई अंतर नहीं दिखाई पड़ता। इससे ये बात साबित हो जाती है कि वैक्सीनेशन से महिलाओं में न तो बाँझपन कि कोई समस्या आ सकती है और न ही गर्भपात के कोई खतरे स्पष्ट होते हैं।

वैक्सीन से मेल फर्टिलिटी को कोई नुकसान नहीं

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अध्ययनों ने मेल फर्टिलिटी क्षमता पर वैक्सीन के प्रभाव की भी तलाश की है। COVID टीकाकरण से पहले और बाद में लिए गए नमूनों की तुलना करने पर इनमें शुक्राणु की मात्रा, कंसंट्रेशन, गतिशीलता (मोबिलिटी) और कुल गतिशील शुक्राणुओं की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका मतलब वैक्सीन से मेल फर्टिलिटी पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

 



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