New Update
/hindi/media/post_banners/4ttToqsu9kLuvfmrhSov.jpg)
लोगों से मिलना जरुरी होता है
जब बच्चा घर से बाहर कहीं ट्रिप पर जाता है तो चार लोगों से मिलता है बात करता है इस से उसको बात करने के तरीके और कम्युनिकेशन स्किल्स बहुत अच्छी होती है। अगर बच्चे बाहर नहीं जायेंगे और कम लोगों के बीच रहेंगे तो उनका कॉन्फिडेंस कम होता है और अगर उन्हें फ्यूचर नै कही बाहर जाना हो तो वो अकेले नहीं जापाते लो कॉन्फिडेंस लेवल की वजह से ।
दुनिया के बारे में पता लगता है
इंडिया अलग अलग भाषा और संस्कृतियों से मिलके बनता है। जहाँ अनगिनत भाषाएं, रीति रिवाज, कहानियाँ और नई चीज़ें देखने को मिलती हैं इसलिए बच्चों के लिए ट्रेवल करना ज़रूरी है ताकि इन सबके बारें में उनको नई जानकारी मिले। इन सब चीज़ों से मिलकर बच्चे के दिमाग खुलता है और उनमे समझदारी आती है। ट्रैवेलिंग करने से बच्चे के दिमाग रिफ्रेश होता है जिससे उनकी ग्रोथ में कोई रुकावट नहीं आती।
दिमाग के लिए है ज़रूरी
बच्चे का माइंड बचपन में काफी चीज़ें देखता है सीखता है और उसकी ओवरआल ग्रोथ और पर्सनालिटी डेवलपमेंट में हेल्प होती है। बच्चे के आईक्यू लेवल बढ़ता है उसको जगह जगह की जानकारी हो जाती है और वो कुए की मेडक की तरह सीमित नहीं रह जाते हैं ।
मन शांत होता है
बाहर जाने से स्ट्रेस कम होता है और मन को शांति मिलती है। ट्रेवल उतना ही अच्छा दिमाग के लिए जितना योग होता है। ट्रेवल करने से आपके में में जितनी भी उदासी होती है वो निकल जाती है और आपके मन में नए आइडियाज और नयी बातें आ जाती हैं।