New Update
किसी बीमारी की तरह किसी प्रकार की लत भी एक इंसान के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो सकती है। दुनिया में करोड़ों लोग ड्रग एडिक्शन से पीड़ित हैं। ऐसे में आइए जानते हैं ड्रग एडिक्शन के बचाव के लिए क्या तरीके अपनाने चाहिए ?
किसी भी प्रकार के एडिक्शन से बचाव का सबसे पहला तरीका होता है यह जानना कि क्या कोई इंसान ड्रग एडिक्शन से प्रभावित है या नहीं ।अगर ड्रग एडिक्शन के कारण आपकी जिंदगी के कामकाजी और ज़रूरी हिस्सों पर प्रभाव पड़ रहा है तो इसका मतलब है ड्रग आपके शरीर में एडिक्शन का रूप ले रहा है और आपको इससे बचाव की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंदर शरीर में मौजूद ड्रग सब्सटेंस को हटाया जाता है और इससे होने वाले रिएक्शन को कम किया जाता है।
अलग अलग ड्रग से एडिक्टेड लोगों को अलग अलग प्रकार की दवाइयों का सेवन करने को बोला जाता है जिससे कि उनमें से रिएक्शन के सिम्पटम्स को कम किया जा सके।
इस प्रकार की थेरेपी में मुख्य तौर से व्यक्ति के व्यवहार और सोचने के तरीकों पर प्रभाव पर बात की जाती है जिसमें व्यक्ति का कोई दोस्त या परिवार का सदस्य उससे अच्छी और पॉजिटिव बातें करते हैं और व्यक्ति का मनोबल बढ़ाते हैं।
इसके दौरान ड्रग से एडिक्टेड बच्चों को या युवाओं को परिवार के सदस्यों द्वारा समझाया जाता है और उनके दिमाग में अच्छी अच्छी बातें डालकर , ड्रग से जुड़े खयालों को निकाला जाता है।
मोटिवेशनल बातों से ड्रग एडिक्शन के व्यक्ति को सोच का मौका अच्छे से मिलता है और वह कोशिश कर के खुद को ड्रग के एडिक्शन से बाहर ला सकता है।
तो ये थे ड्रग एडिक्शन से दूरी के कुछ जरूरी तरीके।
ड्रग एडिक्शन से बचाव के तरीके
1. ड्रग एडिक्शन - पहला पड़ाव
किसी भी प्रकार के एडिक्शन से बचाव का सबसे पहला तरीका होता है यह जानना कि क्या कोई इंसान ड्रग एडिक्शन से प्रभावित है या नहीं ।अगर ड्रग एडिक्शन के कारण आपकी जिंदगी के कामकाजी और ज़रूरी हिस्सों पर प्रभाव पड़ रहा है तो इसका मतलब है ड्रग आपके शरीर में एडिक्शन का रूप ले रहा है और आपको इससे बचाव की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
2. डिटॉक्सिफिकेशन
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंदर शरीर में मौजूद ड्रग सब्सटेंस को हटाया जाता है और इससे होने वाले रिएक्शन को कम किया जाता है।
अलग अलग ड्रग से एडिक्टेड लोगों को अलग अलग प्रकार की दवाइयों का सेवन करने को बोला जाता है जिससे कि उनमें से रिएक्शन के सिम्पटम्स को कम किया जा सके।
3. काउंसलिंग और बिहेवियरल थेरेपी
इस प्रकार की थेरेपी में मुख्य तौर से व्यक्ति के व्यवहार और सोचने के तरीकों पर प्रभाव पर बात की जाती है जिसमें व्यक्ति का कोई दोस्त या परिवार का सदस्य उससे अच्छी और पॉजिटिव बातें करते हैं और व्यक्ति का मनोबल बढ़ाते हैं।
इसके दौरान ड्रग से एडिक्टेड बच्चों को या युवाओं को परिवार के सदस्यों द्वारा समझाया जाता है और उनके दिमाग में अच्छी अच्छी बातें डालकर , ड्रग से जुड़े खयालों को निकाला जाता है।
मोटिवेशनल बातों से ड्रग एडिक्शन के व्यक्ति को सोच का मौका अच्छे से मिलता है और वह कोशिश कर के खुद को ड्रग के एडिक्शन से बाहर ला सकता है।
तो ये थे ड्रग एडिक्शन से दूरी के कुछ जरूरी तरीके।