बच्चे में बढ़ रहा ऑनलाइन क्लासेज का स्ट्रेस- कोरोना माहवारी के कारण बच्चों के स्कूल कॉलेज सब रुक गए। ऐसे में पढाई कंटिन्यू रखने के लिए ऑनलाइन क्लासेज का सहारा लिया जा रहा है लेकिन घंटों लैपटॉप , मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन के सामने बैठ कर बच्चों को न सिर्फ फिजिकल बल्कि मेन्टल स्ट्रेस का भी सामना करना पड़ रहा है।बच्चो का ब्रेन इस नयी तकनीक को अपनाने में समय ले रहा है लेकिन एक के बाद एक लगातार बढ़ता कम्पटीशन बच्चों के मोरल को काम तो कर ही रहा है इसके साथ ही वो अपने पेरेंट्स से दूर होते जा रहे हैं। बच्चों में बढ़ते स्ट्रेस के कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनका ध्यान पेरेंट्स को रखना चाहिए।
1.बच्चे में बढ़ता चिड़चिड़ापन
छोटे बच्चों में एक्टिविटीज और गेम्स की मदद से पढाई कराई जाती है जिसमे मैथ्स ,पोयम्स सब आजाते है वही बड़े बच्चों में भी प्रैक्टिकल स्टडीज पर ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जाता है। लोकडाउन की वजह से ऑनलाइन क्लासेज का स्ट्रेस पढ़ने और नयी चीज़ों को सिखने का दायरा कम कर देता है। जिसकी वजह से बच्चों में पढाई एक बोझ बन कर रह गयी है। ऐसे में बच्चें चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाते हैं। वो न किसी से बात करना चाहते हैं न किसी से मिलना। बच्चों के इस बदलते बेहेवियर को देख कर पेरेंट्स को संयम से काम लेना चाहिए और बच्चों को समय समय पर मोटिवेट करते रहना चाहिए ।
2.ऑनलाइन क्लासेज का स्ट्रेस कर रहा फिजिकल एक्टिविटीज को एफेक्ट
घंटों की ऑनलाइन क्लासेज के बाद बच्चे खेल के वक़्त तक पूरी तरह से थक चुके होते हैं । यही नहीं लगातार बढ़ता ऑनलाइन क्लासेज का स्ट्रेस उनकी फिजिकल एक्टिविटी को बुरी तरह प्रभावित करता है। पहले पेरेंट्स बच्चों को स्क्रीन से दूर रखते थे पर अब मज़बूरी में उन्हें बच्चों को स्क्रीन के सामने घंटों वक़्त गुजारते देखना पड़ता है। बच्चो का रूटीन , खेलकूद और दोस्ती सब कुछ इस वजह से प्रब्भावित होती है जिसजे उनमे मेन्टल स्ट्रेस दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है।
3.पेरेंट्स से कम बोलना
ऑनलाइन क्लासेज के स्ट्रेस का सबसे अहम् लक्षण बच्चों के बेहेवियर में दिखाई देने लगता है। बच्चा जब माँ बाप से बातें शेयर कर देना बंद करदेता है और लगातार गुमसुम व चुप रहता है तो ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए की वो उसका खास ख्याल रखें। ये बच्चे की बदलती मानसिक स्थिति को बताता है और पेरेंट्स को इस स्थिति को सामान्य बिलकुल नहीं समझना चाहिए। बच्चे को ये भरोसा दिलाना चाहिए की हर हाल में आप उसके साथ हैं।
4.बार बार बीमार पड़ना
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बच्चें चुपचाप और गुमसुम रहने लगते है तो ऐसे में उनके ब्रेन और मेन्टल हेल्थ पर काफी बुरा इफ़ेक्ट होता है। बच्चा लगातार बीमार रहने लगता है और काफी कमजोर महसूर करता है।ऑनलाइन क्लासेज का स्ट्रेस से फिजिकल एक्टिविटी तो बंद हो जाती है साथ ही खाने का मन भी नहीं करता और बच्चे का इम्यून हर बीतते दिन के साथ और कमजोर होता जाता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे का खास ध्यान रखना जरुरी हो जाता है। बार बार बीमार पड़ने का लक्षण खतरनाक है पेरेंट्स को तुरंत एक्टिव हो जाना चाहिए।अगर बच्चे का मन नहीं है तो उसे ऑनलाइन क्लासेज के लिए फाॅर्स न करे। याद रखें की इस वक़्त आपका बच्चा मेंटली और इमोशनली किस स्ट्रेस से गुजर रहा है। अगर हालत ज्यादा नाज़ुक हो तो बिना घबराये डॉक्टर की सलाह भी ली जा सकती है।
5.रात को नींद न आना
ये एक बहुत ही अहम् लक्षण है। इसमें बच्चों को रात में नींद नहीं आती और अगर किसी तरह आँख लग बभी जाये तो बीच बीच में टूट जाती है। ये बच्चों में ऑनलाइन क्लासेज का स्ट्रेस बढ़ने के शुरुआती लक्षणों में से एक है। आजकल हर घर के बच्चों में ये परेशानी देखने को मिल जाती है। लगातार स्क्रीन के सामने घाटों वक़्त गुजारने के बाद बच्चों की आँखें भले ही थक जाती है लेकिन दिमाग उन्हें चैन से सोने नहीं देता। नींद पूरा न होने का प्रभाव उनकी हेल्थ पर पड़ता है। यदि ये लक्षण बच्चे में दिखाई देने लग जाये तो समझिये बच्चे में स्ट्रेस बढ़ते जा रहा है।