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Judging Person On The Basis Of Clothes: क्या छोटे कपड़े पहनने से लड़की करेक्टरलेस हो जाती है?

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Swati Bundela
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Judging Person On The Basis Of Clothes: हाल ही में एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक छोटी सी वीडियो शेयर की है जिसमें सबसे पहले उन्होंने कहा, "मुझे यह शेयर करना है, लोगो को लगता है जो ऐसे सेक्सी कपड़े पहनते है वो बेकार होते है पर मैंने संस्कृत में MA की है और भी बहुत कुछ किया है। "कपड़े देखकर किसी को जज नहीं करना चाहिए ट्रोल करने वालों समझ लो"।

यह इस बात की तरफ इशारा करता है आज भी एक औरत को उसके कपड़ो के अनुसार जज किया जाता है। डीप नैक, स्कर्ट, मिनी स्कर्ट, क्रॉप टॉप, रिप्पड जीन इन सब में एक लड़की कितनी संस्कारी है उसका करैक्टर है या नहीं समझा जाता है। कपड़ो से जज करना करैक्टर जजमेंट तक पहुँच गया है आईए इस जजमेंट पर थोड़ा विचार विमर्श करें-

Judging Person On The Basis Of Clothes - 

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1. कपड़ो से हर कोई किसी को जज करता है, व्यक्ति कितनी अच्छे से तैयार होकर आया है, महंगे कपड़े पहने है या सस्ते इस सब से उसका फाइनेंसियल बैकग्राउंड आँका जाता है।

2. वही औरतों के मामले में कपड़ो से सिर्फ उनका फाइनेंसियल बैकग्राउंड नहीं जज होता उनका करैक्टर भी जज होता है और उसे दो केटेगरी में डिवाइड किया संस्कारी और दूसरा आस्किंग फॉर इट।

3. औरतों के कपड़ों, उसकी बॉडी को इतना सेक्सुालाइस कर दिया है और लोगों के दिमाग में मजबूत तरीके से बैठ गया है कि आज तक लोग इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे है।

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4. हर रोज़ इस टॉपिक पर सोशल मीडिया पर डिबेट होती है एक्ट्रेस से लेकर हर औरत अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रही होती है और कपड़ो से जज ना करने की सलाह दे रही होती पर क्या फायदे दूसरे दिन फिर यही साइकिल चलता है। बात, सलाह रिपीट होती है पर असर किसी पर भी नहीं होता।

5. "किसी के कपड़े उसके करियर पर भी प्रभाव डाल सकते है"- इस बात से सिर्फ औरतें ही रिलेट कर सकती है। ऐसा ही पॉलिटिशियन और यूपी कांग्रेस उम्मीदवार अर्चना गौतम के साथ हुआ। इस साल की शुरुआत में जब उनकी उम्मीदवारी की घोषणा हुई तो सोशल मीडिया पर उनकी कुछ तस्वीरें वायरल होने लगी। इन तस्वीरों में उन्होंने बिकिनी पहनी हुई थी। इस ट्रोलिंग के जवाब में अर्चना गौतम ने कहा उनके पोलिटिकल करियर और मॉडलिंग-एक्टिंग के करियर को अलग-अलग रखा जाए।



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