Kangana Ranaut: कंगना रनौत को मुंबई में सिखों द्वारा अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए एक एफआईआर का सामना करना पड़ा था। प्रोफेशनल और पर्सनल कमिटमेंट्स का कारण देते हुए कंगना रनौत ने सिख कम्युनिटी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी पर शांति और हार्मनी पर दिल्ली विधानसभा पैनल के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा।
कंगना नहीं आई आज पैनल के सामने
34 वर्षीय अभिनेता को आज पैनल के सामने पेश होने को कहा गया था। कंगना रनौत को दिसंबर 6 को 12 बाजे आने को कहा था। राघव चड्ढा, कमिटी के अध्यक्ष ने बताया, "कंगना रनौत के वकील ने एक पत्र में सूचित किया है कि अभिनेत्री प्रोफेशनल और पर्सनल कमिटमेंट्स के कारण पैनल के सामने पेश नहीं हो सकती है। उसने और समय की मांगा की है।
आज की बैठक रद्द की जाती है। कमिटी अपने निर्णय के बारे में उन्हें एक पत्र में सूचित करेगी।" चड्ढा ने इसके साथ यह भी कहा कि, "समिति उनकी रिक्वेस्ट को मानेगी और उनके पेश होने की नई तारीख सूचित की जाएगी।"
कमिटी का लेटर कंगना के लिए
फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के बाद शहर में शांति भंग करने वाली घटनाओं को देखने के लिए इस समिति का गठन किया गया था।
सम्मन डॉक्यूमेंट्स में रनौत के "खालिस्तानी आतंकवादियों के रूप में (सिखों) को व्यापक रूप से लेबल करना ... यह डिसहार्मनी पैदा करने के साथ-साथ पूरी सिख कम्युनिटी को अपमानित करने की क्षमता रखता है। कमिटी ने कंगन को जो लेटर भेजा था उसमे लिखा था, कमिटी को अन्य बातों के साथ-साथ, अपमानजनक, ऑफेंसिव और आउटरेजियस इंस्टाग्राम कहानियों और पोस्ट को शेयर करना 20.11.2021 को, अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कई शिकायतें मिली हैं।
इसके साथ ही, कंगना को सोशल मीडिया पर सिख कम्युनिटी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
कंगना रनौत की पोस्ट और स्टोरी
कंगना रनौत ने सिख कम्युनिटी को खालिस्तानी आतंकवादियों के रूप में लेबल किया। इसके साथ ही, कंगना ने 1984 के सिख विरोधी दंगों और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी जिक्र किया था।शिकायत के मुताबिक, पोस्ट में कंगना ने सिख कम्युनिटी के खिलाफ बेहद अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। कंगना के इन कॉमेंट्स ने कम्युनिटी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।