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वह हमेशा अपनी प्रेगनेंसी, अपनी चुनौतियों और अपनी खुशी के बारे में खुल कर बोलती है। करीना ने ब्रेस्टफीडिंग और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व के बारे में बात की थी। करीना ने यह साबित किया कि शादी और गर्भधारण का मतलब बॉलीवुड में महिला अभिनेताओं के करियर का अंत नहीं है।
आइये जानते है करीना कपूर के पेरेंटिंग टिप्स :
महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी एक चुनौती है :
करीना कपूर खान का मानना है कि प्रेगनेंसी और मदरहुड एक महिला के जीवन में सबसे चुनौतीपूर्ण अनुभवों में से एक है। हर माँ जन्म देते समय कई भावनाओं से गुज़री है क्योंकि यह सब कुछ है लेकिन आसान नहीं है। अक्सर, महिलाओं का डिलीवरी को लेकर डर पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन जैसी समस्याए पैदा कर देता है। लेकिन करीना ने शांत रहने और जन्म देने का आनंद महसूस करने का सुझाव दिया है।
ब्रेस्टफीडिंग और टीकाकरण महत्वपूर्ण है :
करीना का मानना है कि कम से कम पहले छह महीने तक बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना न केवल पोषक तत्व प्रदान करता है और बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाता है बल्कि माँ और बच्चे के बीच प्यार और देखभाल का संबंध भी बनाता है। वह 1 वर्ष की आयु तक शिशुओं के नियमित टीकाकरण के महत्व को भी बढ़ावा देती है।
अंधविश्वास से दूर रहें और डॉक्टर्स की सहायता लें :
करीना किसी भी तरह के beliefs और stereotypes को मानने की सलाह नहीं देती हैं जो आपके बच्चे को खतरे में डाल सकता हैं। हमेशा अपने बच्चे के लिए कोई भी निर्णय लेने के लिए डॉक्टर्स की सलाह और समर्थन लें। वह यह भी मानती है कि बच्चे के जन्म की प्रक्रिया skilled birth attendants की देखरेख में की जानी चाहिए।
पेरेंटिंग समान रूप से पिता की भी जिम्मेदारी है:
करीना का मानना है कि पेरेंटिंग सिर्फ माँ की ही नहीं बल्कि पिता की भी ज़िम्मेदारी है। दोनों को बराबरी से बच्चे का खयाल रखना चाहिए। अपने पति, सैफ अली खान से मिलने वाले समर्थन के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वह मुझे समझते है, खासकर जब कामकाजी महिलाओं की बात आती है - चाहे वह मां, बहन, पत्नी या बेटी हो। वह कामकाजी महिलाओं को बहुत समझते हैं और उनका सम्मान करते हैं। वह हमें वह स्थान देता है जो हम चाहते हैं।
लड़का और लड़की को बराबर समझे :
एक फेमिनिस्ट किड हर व्यक्ति को अपने लिंग या जाति के बावजूद सम्मान देता हैं। और करीना कपूर खान ने इसे अपने पेरेंटिंग टिप्स के एक आवश्यक हिस्से के रूप में जोड़ा है। उनके मुताबिक़ लड़का और लड़की में कभी भेदभाव नहीं करना चाहिए।