No-Fault Divorce: आज कल रिश्ते में जाना और शादी करना तो जैसे लोगों का सौक बन चुका है। जिसकी वजह से आये दिन तलाक की खबरें न्यूज और मीडिया में फैली रहती हैं। ज्यादातर लोग आज कल अपने पार्टनर के बारे में ठीक से जाने बिना शादी कर लेते हैं और शादी के बाद जब आपस में नहीं बनती तो जल्द से जल्द तलाक लेकर अलग होना चाहते हैं। लेकिन तलाक लेना एक बहुत बड़ी प्रक्रिया है जो कि बिल्कुल भी आसान नहीं है। इसलिए कुछ देश अब नो-फॉल्ट डिवोर्स का नियम लेकर आये हैं। जिनमें से इंग्लैंड और अमेरिका प्रमुख रूप से हैं। कुछ रिपोर्ट्स की माने तो अमेरिका में हर वर्ष लगभग 4 मिलियन से ज्यादा लोग शादियाँ करते हैं जिसमें से 50 प्रतिशत लोग बाद में तलाक लेकर रिश्तों को खत्म करते हैं। ऐसे में तलाक की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नो-फॉल्ट डिवोर्स का ऑप्शन लाया गया है।
क्या है नो-फॉल्ट डिवोर्स
नो-फॉल्ट डिवोर्स एक प्रकार का तलाक है जिसमें पति या पत्नी को यह साबित करने की जरूरत नहीं होती है कि पति ने कुछ गलत किया है या शादी टूटने के लिए कोई गलती की है। ट्रेडीशनल डिवोर्स सिस्टम में एक पति या पत्नी को तलाक लेने के लिए व्यभिचार, क्रूरता या परित्याग जैसे मैरेज मिसकंडक्ट के प्रूव देने पड़ते थे। वहीं नो-फॉल्ट डिवोर्स सिस्टम कपल्स के किसी भी पक्ष को दोष दिए बिना अपनी शादी को खत्म करने की अनुमति देता है।
तलाक की मांग करने वाले पति या पत्नी को केवल यह बताने की जरूरत है कि विवाह पूरी तरह से टूट गया है या इसमें ना पूरे होने वाले मतभेद हैं। जिससे यह साबित हो जाता है वह कपल तलाक ले सकता है भले ही शादी खत्म होने में किसी की कोई गलती ही ना हो।
बिना गलती के तलाक कानूनों की शुरूआत ने तलाक की प्रक्रिया को सरल बना दिया है और लंबी और विवादास्पद कानूनी लड़ाई की आवश्यकता को कम कर दिया है। इससे डिवोर्स से जुड़े सामाजिक कलंक को दूर करने में भी मदद मिली है और जोड़ों के लिए अधिक सौहार्दपूर्ण और सभ्य तरीके से अपने विवाह को खत्म करना आसान बना दिया है।
नो-फॉल्ट डिवोर्स कानूनों की बारीकियां अलग-अलग क्षेत्रों और अधिकारों के हिसाब से अलग हो सकती हैं। अलग-अलग देशों और यहां तक कि एक देश के भीतर अलग-अलग राज्यों में बिना किसी दोष के तलाक प्राप्त करने के लिए अलग-अलग आवश्यकताएं और प्रक्रियाएं होंगी।
यह कानून अभी मुख्य रूप से अमेरिका, स्वीडन, स्पेन, चीन और रूस आदि में लागू है लेकिन यह क़ानून महिलाओं के लिए समस्या भी बन सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ महिलाओं को इसका दोहरा बोझ भी झेलना पड़ सकता है। जबकि हिंसा और तमाम तरह की समस्याओं को झेल रही महिलाओं के लिए यह अच्छा विकल्प भी साबित होगा।