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प्रेगनेंसी में महिलाओं को nutrients से भरपूर चीज़े खाने को कहा जाता है और जामुन भी एक ऐसा फल है जिसमे कई पोषक तत्व पाए जाते है। गर्मियों में मौसम में लोग जामुन बड़े ही शौक से खाते है। लेकिन अक्सर प्रेगनेंट महिला के मन में ये सवाल रहता है कि प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते है? आइये आज हम आपके सभी सवालो के जवाब देते है।
क्या प्रेगनेंसी में जामुन खा सकते है ?
जामुन को लेकर ये मिथ है कि प्रेग्नेंसी में जामुन खाने से भ्रूण यानी शिशु की त्वचा पर गहरे स्पॉट पड़ जाते हैं। लेकिन इस बात को सच साबित करने के लिए कोई साइंटिफिक प्रूफ मौजूद नहीं है। जामुन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं और इसमें कई तरह के nutrients मौजूद होते हैं जो भ्रूण (embryo) को सुरक्षा प्रदान करते है। इसके अलावा जामुन से मिलने वाले पोषक तत्व भ्रूण के विकास में भी मदद करते हैं। नॉर्मली जामुन खाने की बजाय आप इसके खाने के तरीके में बदलाव कर के प्रेगनेंसी में भी जामुन का लाभ उठा सकती हैं।
प्रेगनेंसी में जामुन खाने के फायदे :
प्रीमैच्योर डिलीवरी होने से बचाता है :
जामुन में अधिक मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो कि प्रीमैच्योर डिलीवरी होने से रोकता है और भ्रूण को सही से विकसित होने में मदद करता है।
भ्रूण की आँखों के विकास में मदद करता है :
इस फल में अधिक मात्रा में विटामिन ए होता है जो कि भ्रूण की आंखों के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व होता है।
एनीमिया जैसी बिमारियों से बचाता है :
प्रेग्नेंसी के दौरान एनीमिया का खतरा ज्यादा रहता है। जामुन में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है और लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है जिससे एनीमिया जैसी बीमारियां दूर होती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करता है :
दरअसल प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बना रहता है जो कि मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जामुन में मौजूद पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट प्रेग्नेंसी के नौ महीनों में हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में मदद करता है।