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हमारे घरों में माँ के होने से ही रौनक होती है और उसी के काम करने के कारण हर बच्चा अपने घर में राजा होता है। माँ कभी कुछ बोलती नहीं है पर वो छोटे छोटे कई बलिदान करती रहती है। हमें महिला दिवस पर घर की हर उस माँ को खास महसूस करवाना चाहिए जो हमारे लिए पूरी ज़िन्दगी घरों में गुजार देती है। आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे तरीको के बारे में जिन से आप अपनी माँ को धन्यवाद कर सकते हैं -
हर घर में ऐसा मान लिया गया है कि माँ का काम बस रसोई में खाना बनाना होता है। घर के सभी लोग मिलकर अपनी माँ के लिए खास तौर पर उसकी पसंद के पकवान बनाएं और माँ को धन्यवाद बोलें क्योंकि वो आपके पीछे दिन रात लगी रहती है। माँ को बना बनाया खाना मिलने पर बहुत ख़ुशी होती है और वो आराम भी कर लेती है।
बहुत कम ही ऐसा होता है जब बच्चे अपनी माँ के लिए कोई गिफ्ट लाते हैं क्योंकि बच्चे अपनी खुद की फर्माइशो में ही लगे रहते हैं। माँ कुछ मानती तो नहीं पर अगर आप चाहें तो छोटी छोटी चीज़ों से अपनी माँ को खुश कर सकते हैं। जैस कि उनके लिए साडी लाना या फिर कोई गिफ्ट देना।
महिलाओं को खुदका ध्यान रखना या पार्लर वगेरा जाना बहुत पसंद होता है। इसलिए आप अपनी माँ को बिना उनके बोलेन पार्लर ले जा सकते हैं इस से वो बहुत खुश हो जाएगी और आपका ध्यानवाद बोलना भी हो जाएगा।
बच्चे अपने खुद के जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वो भूल जाते हैं कि उनके माँ बाप बूढ़े हो रहे हैं। इसलिए जब भी मौका मिलें उनसे गले मिले उन से बात करें उन की बातें सुने और उन्हें खास मेहसूस करवाएं।
1. खाना बनाकर
हर घर में ऐसा मान लिया गया है कि माँ का काम बस रसोई में खाना बनाना होता है। घर के सभी लोग मिलकर अपनी माँ के लिए खास तौर पर उसकी पसंद के पकवान बनाएं और माँ को धन्यवाद बोलें क्योंकि वो आपके पीछे दिन रात लगी रहती है। माँ को बना बनाया खाना मिलने पर बहुत ख़ुशी होती है और वो आराम भी कर लेती है।
2. गिफ्ट देकर
बहुत कम ही ऐसा होता है जब बच्चे अपनी माँ के लिए कोई गिफ्ट लाते हैं क्योंकि बच्चे अपनी खुद की फर्माइशो में ही लगे रहते हैं। माँ कुछ मानती तो नहीं पर अगर आप चाहें तो छोटी छोटी चीज़ों से अपनी माँ को खुश कर सकते हैं। जैस कि उनके लिए साडी लाना या फिर कोई गिफ्ट देना।
3. पार्लर लेजा कर
महिलाओं को खुदका ध्यान रखना या पार्लर वगेरा जाना बहुत पसंद होता है। इसलिए आप अपनी माँ को बिना उनके बोलेन पार्लर ले जा सकते हैं इस से वो बहुत खुश हो जाएगी और आपका ध्यानवाद बोलना भी हो जाएगा।
4. गले लगाकर
बच्चे अपने खुद के जीवन में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वो भूल जाते हैं कि उनके माँ बाप बूढ़े हो रहे हैं। इसलिए जब भी मौका मिलें उनसे गले मिले उन से बात करें उन की बातें सुने और उन्हें खास मेहसूस करवाएं।