Menstruation Myth: पीरियड्स से जुड़े अफवाह, जिनपर लोग आज भी करते हैं विश्वास

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Swati Bundela
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Menstruation Myth: आज भी पीरियड्स के लेकर कई तरह के अफवाह घर-घर में सुनने को मिल जाते हैं, लेकिन इन बातों का कोई भी साइंटफिक रिलेशन नहीं होता। इसीलिए पीरियड्स से जुडी किसी भी बात या मिथ के बारे में पूरा सच जान लेना जयादा जरुरी होता है। कुछ जगहों में महिलाएं अपने पीरियड्स के बारें में खुल के बात नहीं कर पाती, कहीं पर तो इसे बहुत अपवित्र चीज़ समझा जाता है। बरसों से पीरियड्स के बारें में चली आ रही धारणाओं के पीछे का सच जान लेना जरुरी है। 

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Menstruation Myth: पीरियड्स से जुड़े कुछ मिथक जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है

आज भी कई जगहों पर महिलाएं पीरियड्स की बातों को खुल कर नहीं बोल सकतीं, ऐसे में पीरियड्स से जुडी जानकारियां इन तक नहीं पहुँच पातीं। पीरियड्स के बारें में कई अफवाह और मिथक फैलने का एक कारन ये भी है कि महिलों को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है।

पीरियड्स 4 दिनों तक होना चाहिए

ऐसे कोई साइंटफिक प्रमाण नहीं, जिसमें पीरियड्स से जुड़ी एक अवधि या टाइम के बारें में बताया गया हो। दरअसल पीरियड पूरी तरह से महिलाओं के शरीर कि बनावट, उनकी हेल्थ पर डिपेंड करता है। हर महिला कि पीरियड्स के डेट और अवधि अलग हो सकती है। मेंस्ट्रुअल साइकिल पूरी तरह से महिला के शरीर के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है। आमतौर पर किसी भी स्वस्थ महिला में पीरियड्स 2 से 8 दिनों के बीच होना ही चाहिए।

पीरियड्स में खट्टी चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए

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बचपन में हमेशा हर लड़की को उसके पीरियड्स के दिनों में माँ उसे अचार या कुछ भी खट्टा खाने से मना करती है। लेकिन पीरियड्स में खट्टी चीज़ों से किसी तरह के नुकसान का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलता। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार, महिलाओं को, खासकर अपने पीरियड्स के दौरान अच्छी डाइट लेनी चाहिए। पीरियड्स से जुड़ी समस्यायों से बचने के लिए किसी भी तरह के जंक फूड और ताली-भुनी चीज़ों से दूर रहने कि हिदायत डॉक्टर्स भी देते हैं।

पीरियड्स गन्दा होता है

कई महिलाएं आज भी पीरियड्स को अपवित्र और गंदा मानती हैं। पीरियड्स के दौरान मंदिर जाने और पूजा-पाठ को इज़ाज़त नहीं होती और खिन-कहीं तो पीरियड्स में घर के किचन में भी नहीं जाने दिया जाता। इस तरह के मिथ से हमें बिलकुल दूर रहना चाहिए। पीरियड्स किसी भी तरह से गंदा नहीं होता बल्कि वो तो एक मेडिकल प्रोसेस है, जो हर औरत के साथ होता है। पीरियड्स का ब्लड, दरअसल, यूटेरस लाईनिंग के म्यूकस और टिश्यू होते हैं, जो प्रेगनेंसी न होने के कारण शरीर से बहार आजाते हैं। इसीलिए इसके बारे में किसी तरह की शर्म महसूस करने की कोई जरुरत नहीं।


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