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Misogynists Talk: 5 ऐसी misogynists बातें जो लोग ऐसे ही बोल देते हैं

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Rajveer Kaur
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हमारे समाज में बहुत सी बातें ऐसे ही बोल दी जाती हैं लेकिन इनका मतलब बहुत गहरा निकलता है। यह बातें किसी के जेंडर, चरित्र, काम और सेक्शूऐलिटी पर सवाल उठाती हैं। आज हम इन के बारे में बात करेंगे-

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Misogynists Talk: 5 ऐसी misogynists बातें जो लोग ऐसे ही बोल देते हैं

1. लड़कियां ड्रामेबाज होती है

यह बात हमें आम सुनने को ही मिल जाती है कि लड़कियां ज्यादा ड्रामा करती है। इसलिए मैं लड़कों से ही दोस्ती करता हूं। हमारे समाज में आज भी चीजों को जनरलाइज किया जाता है। अगर यह लड़की है तो यह ऐसा ही करेगी! अगर लड़का है तो वह वैसा ही करेगा लेकिन यह हर किसी की व्यक्तिगत पसंद होती है कि उसे कैसा रहना है, क्या करना है? या उसने कैसे कपड़े पहनने, या  उसे अपना बिहेवियर कैसा रखना हैं। इसमें जेंडर रोल नहीं है कि अगर वह लड़का है तो ऐसा ही होगा अगर लड़की है तो ऐसी ही होगी।

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2. फेमिनिज्म को  बराबर नहीं समझा जाता 

आज भी हमारे समाज में फेमिनिज्म को अच्छा नहीं माना जाता है ऐसा माना जाता है कि जैसे इस के जरिए औरतें मर्दों से नफरत करती हैं उनको नीचा दिखाने की कोशिश करती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। फेमिनिज्म का मतलब है ब्रबर्ता (equality) कि जो मौके पुरुषों को मिलते हैं वहीं औरतों को भी मिलने चाहिए। सिर्फ औरतों को उनके जेंडर की वजह से पीछे नहीं रहने दिया जा सकता है अगर एक औरत मां हो सकती है तो वह बॉस भी हो सकती है।

3. लड़कियों को हमेशा सुंदरता के नजरिए से देखना

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आज भी हमारे समाज में यह आसानी से कह दिया जाता है कि पता नहीं उसने इस लड़की में क्या देखा? यह तो इतनी सुंदर भी नहीं है हमेशा लड़कियों को सुंदरता के पैमाने से देखा जाता है।  ऐसा माना जाता है, लड़की सुंदर नहीं है तो इसके साथ शादी नहीं करनी चाहिए उसके साथ रिलेशनशिप में आना नहीं चाहिए था। आज भी लड़कियों को बहुत सारे ब्यूटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है।

4. हाउसवाइफ होना अच्छा नहीं माना जाता

आज भी यह कह दिया जाता है कि मुझे इसकी तरह हाउसवाइफ नहीं बनना। हाउसवाइफ होना या ना होना किसी की व्यक्तिगत पसंद हो सकती है। इसमें किसी को जज करना या किसी को इसके लिए नीचा दिखाना बिल्कुल गलत बात है। अगर कोई औरत हाउसवाइफ बनना चाहती है उसे हाउसवाइफ रहने में कोई दिक्कत नहीं है तो जरूरी नहीं है कि वह औरत पढ़ी-लिखी नहीं होगी या उसके पास जॉब के ऑप्शन नहीं होगी।

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5. मैं बाकी लड़कियों जैसी नहीं हूं

यह एक बहुत ही साधारण सी लाइन है जो अक्सर सुनने को मिल जाती है। जब कोई लड़की अपने आप को दूसरों से अलग दिखाना चाहती है तो वह कह देती है कि मैं बाकी लड़कियों जैसी नहीं हूं। इसका मतलब है कि आप दूसरी लड़कियों को नीचा दिखा रही है या उनको अपने बराबर नहीं मान रही है। आपको क्या बनना है या नहीं बनना यह भी आपकी व्यक्तिगत पसंद हो सकती है। इसके लिए आप दूसरे को नीचा दिखाए या दूसरे की चॉइस पर सवाल उठाए यह बिल्कुल भी सही बात नहीं है

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