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तो आइए जानते हैं पीरियड्स के लिए अपनी बेटी को तैयार करने के कुछ तरीके। बेटी पीरियड्स
1. इसके बारे में जल्दी बात करना स्टार्ट कर दें
लड़कियों को आमतौर पर लगभग 12 साल की उम्र में पीरियड्स आते हैं। लेकिन कभी कभी ये 8 साल में या 16 साल की उम्र में भी शुरू हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप उससे मेंसट्रूऐशन के बारे में पहले ही बात करना शुरू करदें। इसके लिए कोई बड़ी बैठक की ज़रुरत नहीं है। अक्सर बात करें और अपनी बेटी के सवालों का जवाब सबसे अच्छे से दें।
2. उसे बताएं कि वो क्या एक्सपेक्ट करे
पीरियड्स के बारे में अपने बच्चे से बात करते टाइम , उसे मेंसट्रूअल साइकिल और प्यूबर्टी में होने वाले चेंजेस की जानकारी दें ।इसके अलावा, आप इंटरनेट पर किताबों का भी साथ ले सकते हैं। बारीकियों को भी कवर करें। उसे बताएं कि उसके पहले कुछ पीरियड्स लाइट और इर्रेगुलर हो सकते हैं। एक टिपिकल साइकिल 28 डेज का होता है, लेकिन ये भी पर्सन टू पर्सन डिपेंड करता है।
3. उसे याद दिलाएं कि बाकी महिलाओं को भी पीरियड्स होते हैं
महिलाओं को भी पीरियड्स होते हैं। ऑब्वियस होता है ये लेकिन इसे पॉइंट आउट करना ज़रूरी होता है। ओलिंपिक एथलीट्स को भी पीरियड्स होते हैं, साइंस एक्सपेरिमेंट करने वाली वीमेन, राइटिंग वीमेन, टीचर, मम्मी सब ही को पीरियड्स होते हैं।
4. लड़कियों को एक दूसरे का साथ देना सिखाएं
लड़कियों को ये बताना जरूरी है कि की वे सब एक ही टीम है। पीरियड्स में कभी कभी मिसहैप्स और लीकेज भी हो जाते हैं। तो अगर कभी आपको दिखे की किसी के लीकेज हुई है तो उसे बताएं। और ऐसा कुछ करें जो आप चाहते है कि दूसरे भी आपके लिए करें।
5. किसी भी नेगेटिव सिम्पटम पर ध्यान न कराएं जो शायद उसके न हो
सबसे बेस्ट है कि आप उसके इश्यूज को तभी ठीक करें जैसे वो आते जाएं। जैसे आपकी बेटी को पीरियड्स आये हो और उसके हाथ हैं और उसको भूक नहीं लग रही तो आप पूछ सकती हैं कि क्या उसे केअस्य फील होरहा हैं ? या क्रेम्पस रह है ? कैसा फील हो रहा है। फिर उसकी परेशानी सुनके उसे एक नाम दे और उससे निपटने के लिए उसका तोड़ बताएं।