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1 . रोने का मतलब वीक होना नहीं होता
रोना बिलकुल ठीक है। कभी अपने बेटे को रोने से मत रोकिये। हर बार जब आप उसे 'एक लड़की की तरह ना रोने' को कहते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से एक नेगेटिव व्यू दे रहे हैं कि केवल महिलाएं रोती है। रोना एक कमज़ोरी नहीं, बल्कि सिर्फ भावना हैं, दोनों पुरुष और महिलाओं के लिए।
2 . कभी न कहें 'एक लड़की की तरह बर्ताव ना करो'
यह शब्द कि 'एक लड़की की तरह व्यवहार नहीं करते है' लड़कियों को अपमानित करना है। यदि आपका बेटा सॉफ्ट टॉयज़ के साथ खेलना पसंद करता है, तो उसे खेलने दें। ऐसे वाक्यों का यूज़ करके आप अनजाने में कट्टरता ऑर्थोडॉक्स को बढ़ावा दे रहे होते है और इससे उसे विश्वास हो जाता है कि वह ऐसा कुछ नहीं कर सकता जो एक लड़की करती है।
3 . लड़कियों के साथ दोस्ती के लिए एंकरेज करें
लड़कियों के साथ दोस्ती करने पर मना नहीं करना चाहिए बल्कि प्रेरित करना चाहिए। अपने बेटे को बताएं कि लड़कियां बियोलॉजीकली अलग है पर एलियन नहीं हैं । ऐसा करने से आप एक फेमिनिस्ट बेटे ( feminist son hindi ) को बड़ा कर रही हैं.
4 . महिलाओं के दिक्कतों के बारे में जानकारी दें
महिलाओं की अलग अलग दिक्कतों के बारे में बात करना ज़रूरी है। उन्हें इन दिक्कतों के अलग- अलग पहलू के बारे में बताए और सेंसिटिव बनाए।
5. उसे खाना बनाना सिखाएं
अपने बेटे को ये मत कहिये की खाना बनाना एक लड़की काम है। खाना बनाना एक बेसिक स्किल है जो सबको सीखनी चाहिए। अगर आप उसकी परवरिश में ये सब बातों का ध्यान रखेंगी तो आप अवश्य ही एक फेमिनिस्ट बेटे ( feminist son hindi ) की परवरिश कर पाएंगी