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इंडिया के हर मां-बाप बचपन से ही अपने बच्चे को तरह-तरह के ज्ञान और संस्कार देते रहते हैं। उन्हें हर काम का सही समय याद दिलाते हैं। लड़कियों के लिए तो ज़िंदगी भर की कहानी है, लड़को के साथ थोड़ा कम है। उन्हें किसी के साथ रिलेशनशिप में आने का या डेट करने का सही समय बताया जाता है। ऐसा दिमाग में भर दिया जाता है कि तुम्हें किसी एक पार्टनर के साथ ही ज़िंदगी भर रहना है, चाहे वो जैसा भी हो। एक ही लड़के से शादी करो उसके बाद सेक्स करो, घूमो-फिरो, बच्चें पैदा करो औऱ खुशी-खुशी ज़िंदगी बिताओ। अगर कुछ गलत होता भी है तो “सह लो यार, क्या ही है..ये तो सबके साथ होता है।“
अब ऐसे सोसाएटी में मल्टीपल रिलेशनशिप की बात पाप जैसी तो लगेगी ही। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्ज़ी से मल्टीपल रिलेशनशिप में रहता भी है या रह चुका है तो इसमे गलत क्या है? हो सकता है कि उसे उसके अकोर्डिंग पार्टनर ना मिला हो। उसने अपने पार्टनर को चुनते वक्त ज़ल्दबाजी कर दी हो या फिर उसने सहन करने के बजाए रिलेशनशिप को खत्म करना ही ठीक समझा। मल्टीपल रिलेशनशिप्स में कोई बुराई नही है। ये सब केवल multiple relationship myths हैं।
ऐसा सोचना काफा आसान है कि जो लोग मल्टीपल रिलेशनशिप में रहते हैं वो काफी लोगों के साथ सेक्स कर चुके हैं या करना पसंद करते हैं। नेचुरल है। लेकिन अगर आप किसी मल्टीपल रिलेशनशिप में रह चुके व्यक्ति से ये सवाल करेंगे तो ज्यादातर इस बात से इंकार करेंगे। काफी लोग मल्टीपल रिलेशनशिप में बहोत सारा प्यार, केयर, सपोर्ट और फैमिली जैसा ट्रीट पाते हैं और शायद यही उन्हें अपनी ओर खींचता है।
हां, हां, हम जानते हैं कि आप भी यही मानते हैं। लेकिन ऐसा ज़रूरी नही। शायद इन्हें कोई ऐसा मिला ही ना हो। अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन इस आधार पर किसी को जज नही कर सकते।
क्यों? क्योंकि वो मल्टीपल रिलेशनशिप में रह चुके हैं? ज़रूरी नही हर किसी का पार्टनर सबसे बेस्ट हो और उनके चॉइस के अकोर्डिंग बिहेव करें। ये सब बातें रिश्तें को खत्म कर देती हैं लेकिन ज़रूरी नही कि उस व्यक्ति का स्वभाव ही धोखा देने वाला हो। ऐसे लोग दिल के साफ होते हैं, किसी को अंधेरे में रखने के बजाए सच बोलकर अलग हो जाते हैं।
शायद ही कोई और इतना प्रोटेक्शन लेता होगा जितना मल्टीपल रिलेशनशिप में रहने वाले लोग लेते हैं। इसके साथ ही वो अपने पार्टनर के कंसेंट का भी खास रखते हैं ताकि इंटिमेट होने पर किसी को भी बुरा ना लगे।
बिल्कुल झूठ। भला ये भी कोई पैमाना हुआ किसी लड़की को करेक्टर का सर्टिफिकेट देने का। वो करेक्टरलेस नही है, वो अपने लिए बेस्ट की तलाश में है। और ये काफी अच्छी बात है कि वो अपने लिए जी रही है, अपनी खुशी के लिए जी रही है। वरना हमारे समाज़ में ऐसी भी कई लड़कियां है जो बस सहती जा रही हैं लेकिन टॉक्सिक रिलेशनशिप को छोड़ने की हिम्मत नही कर पा रहीं।
जहां तक मुझे लगता है मल्टीपल रिलेशनशिप का कॉसेप्ट उन्हीं के लिए गलत है जो रिलेशनशिप्स को केवल सेक्स के इर्द-गिर्द ही सोचते हैं। रिलेशनशिप का मतलब केवल सेक्स ही नही है और भी बहोत कुछ है। ज़रूरत है तो बस अपनी सोच सुधारने की।
पढ़िए - औरतों को सपोर्ट करने से आप सोसाएटी में ये 5 बड़े बदलाव ला सकते हैं
अब ऐसे सोसाएटी में मल्टीपल रिलेशनशिप की बात पाप जैसी तो लगेगी ही। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्ज़ी से मल्टीपल रिलेशनशिप में रहता भी है या रह चुका है तो इसमे गलत क्या है? हो सकता है कि उसे उसके अकोर्डिंग पार्टनर ना मिला हो। उसने अपने पार्टनर को चुनते वक्त ज़ल्दबाजी कर दी हो या फिर उसने सहन करने के बजाए रिलेशनशिप को खत्म करना ही ठीक समझा। मल्टीपल रिलेशनशिप्स में कोई बुराई नही है। ये सब केवल multiple relationship myths हैं।
इससे जुड़े और भी कई मिथ्स हैं, आइए आज हम उन पर भी बात करें (multiple relationship myths)-
1 मिथ - मल्टीपल रिलेशनशिप मतलब ढेर सारा सेक्स
ऐसा सोचना काफा आसान है कि जो लोग मल्टीपल रिलेशनशिप में रहते हैं वो काफी लोगों के साथ सेक्स कर चुके हैं या करना पसंद करते हैं। नेचुरल है। लेकिन अगर आप किसी मल्टीपल रिलेशनशिप में रह चुके व्यक्ति से ये सवाल करेंगे तो ज्यादातर इस बात से इंकार करेंगे। काफी लोग मल्टीपल रिलेशनशिप में बहोत सारा प्यार, केयर, सपोर्ट और फैमिली जैसा ट्रीट पाते हैं और शायद यही उन्हें अपनी ओर खींचता है।
2 मिथ - मल्टीपल रिलेशनशिप में वही रहते हैं जो एक जगह टिक नही पातें
हां, हां, हम जानते हैं कि आप भी यही मानते हैं। लेकिन ऐसा ज़रूरी नही। शायद इन्हें कोई ऐसा मिला ही ना हो। अलग-अलग कारण हो सकते हैं लेकिन इस आधार पर किसी को जज नही कर सकते।
3 मिथ - मल्टीपल रिलेशनशिप में रहने वाले कभी किसी के नही हो सकते
क्यों? क्योंकि वो मल्टीपल रिलेशनशिप में रह चुके हैं? ज़रूरी नही हर किसी का पार्टनर सबसे बेस्ट हो और उनके चॉइस के अकोर्डिंग बिहेव करें। ये सब बातें रिश्तें को खत्म कर देती हैं लेकिन ज़रूरी नही कि उस व्यक्ति का स्वभाव ही धोखा देने वाला हो। ऐसे लोग दिल के साफ होते हैं, किसी को अंधेरे में रखने के बजाए सच बोलकर अलग हो जाते हैं।
4 मिथ - मल्टीपल रिलेशनशिप वाले लोगों को सेक्स से जुड़ी बीमारियां होती हैं
शायद ही कोई और इतना प्रोटेक्शन लेता होगा जितना मल्टीपल रिलेशनशिप में रहने वाले लोग लेते हैं। इसके साथ ही वो अपने पार्टनर के कंसेंट का भी खास रखते हैं ताकि इंटिमेट होने पर किसी को भी बुरा ना लगे।
5 मिथ - "मल्टीपल रिलेशनशिप में रह चुकी है, करेक्टरलेस है।"
बिल्कुल झूठ। भला ये भी कोई पैमाना हुआ किसी लड़की को करेक्टर का सर्टिफिकेट देने का। वो करेक्टरलेस नही है, वो अपने लिए बेस्ट की तलाश में है। और ये काफी अच्छी बात है कि वो अपने लिए जी रही है, अपनी खुशी के लिए जी रही है। वरना हमारे समाज़ में ऐसी भी कई लड़कियां है जो बस सहती जा रही हैं लेकिन टॉक्सिक रिलेशनशिप को छोड़ने की हिम्मत नही कर पा रहीं।
जहां तक मुझे लगता है मल्टीपल रिलेशनशिप का कॉसेप्ट उन्हीं के लिए गलत है जो रिलेशनशिप्स को केवल सेक्स के इर्द-गिर्द ही सोचते हैं। रिलेशनशिप का मतलब केवल सेक्स ही नही है और भी बहोत कुछ है। ज़रूरत है तो बस अपनी सोच सुधारने की।
पढ़िए - औरतों को सपोर्ट करने से आप सोसाएटी में ये 5 बड़े बदलाव ला सकते हैं