Myths About Relationship: रिलेशनशिप के बारे में 5 मिथ्स जो सब को सच लगते हैं पर झूठ हैं

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Swati Bundela
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Myths About Relationship: जब रिलेशनशिप की बात आती है तो सबका अपना-अपना नज़रिया होता है। रिलेशनशिप कैसे सक्सेसफुल होता है, क्या करना चाहिए क्या नहीं? यह बताने के लिए सब तैयार होते है पर इनमें छिपे मिथ सही है या गलत कम ही लोग जानते है। रिलेशनशिप से जुड़ी लोगों की गलत धारणाओं से रिलेशनशिप को बचाना ही बेहतर है वरना यह रिश्ता ख़राब कर सकता है। आईए जानते है ऐसे ही रिलेशनशिप से जुड़े कुछ मिथ्स के बारे में-

1. "अपोजिट अट्रैक्ट"

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अक्सर हमने लोगों को कहते हुए सुना होगा दोनों कितने अलग है पर एकसाथ है। यह बात पूरी सही तो है पर हर जगह फिट नहीं हो सकती। विचार, सोच का मिलना भी एक दूसरे की तरफ अट्रैक्शन बढ़ा सकता है।

2. "प्यार पहली नजर में ही हो जाता है"

यह मिथ फिल्मों से जुड़ा हुआ है जहाँ हीरो को हीरोइन को देखते ही प्यार हो जाता है पर रियल लाइफ में हमेशा ऐसे ही हो पाना मुश्किल है।

3. "रिलेशनशिप में सब कुछ शेयर करना पड़ता है"

आज के दोर में रिलेशनशिप में सबसे पहले सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड शेयर करने को वफादारी माना जाता है। पार्टनर से हर बात शेयर करना इतना भी ज़रूरी नहीं, जब तक वह रिलेशनशिप और दूसरे पर्सन से जुड़ी ना हो।

4. "जैलिसी, पोसेसिवनेस प्यार की निशानी है"

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अगर पार्टनर आपके दूर जाने से गुस्सा होता है, अपोजिट जेंडर से बात करने पर जलन करता है, आपको हमेशा उसके साथ रहने को कहता है तो यह हमेशा क्यूट और प्यार की निशानी नहीं है।

5. बिना बात कहे समझ जाना प्यार है

कम्युनिकेशन हर रिश्ते की नींव है। प्यार कोई टेलिपेथी नहीं है जिसमें बिना बोले मन की बात का पता चल जाए। आपके मन में क्या चल रहा है, आप क्या चाहते है यह आपको बताना पड़ेगा।

6. "हैप्पी कपल कभी नहीं लड़ते"

हैप्पी कपल को देखके यही लगता है कि उनके बीच में लड़ाई झगड़े नहीं होते और हैल्थी रिलेशनशिप की भी यहीं निशानी होगी पर यह सच नहीं है। रिलेशनशिप में लड़ाई, मन मुटाव, मिसकम्युनिकेशन भी होता है पर उसे सुलझाने से ही रिश्ता मजबूत होता है।

7. "प्यार सब कुछ बदल देगा आपको भी"

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जब व्यक्ति रिलेशनशिप में होता तो उसमें चैंजेस अवश्य आते है पर वह हमेशा पोस्टिव हो यह कहना मुश्किल है। एक हैल्थी रिलेशनशिप सेल्फ ग्रोथ कर सकता है तो बुरा रिलेशनशिप सेल्फ हेट ला सकता है।

9. "प्यार का दूसरा नाम समझौता है"

रिलेशनशिप में जब दो व्यक्तियों की सोच, हैबिट्स अलग होती है तो एडजस्ट करने में समय लगता है, दोनों थोड़ा-थोड़ा एडजस्ट करते है पर प्यार के नाम पर आत्मसम्मान, खुशियों, सपनों से समझौता करना गलत है।

10. "रिश्ता तो खुद ही बन जाता है"

कहते है जो रिश्ते ऊपर से बनकर आते है यानि कि पहले से तय होते है उनमें मेहनत करने की ज़रूरत नहीं होती पर हर रिलेशनशिप मुश्किल पड़ाव से गुजरता है जिसमें ईमानदारी, कम्युनिकेशन, मेहनत से ही सक्सेसफुल हो पाता है।


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